आधी रात को भूकंप के झटकों से थर्राया असम, लोगों में दहशत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025 (08:35 IST)
Assam Earthquake news in hindi : असम के मोरीगांव में आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां गुरुवार को रात करीब 2.25 बजे लोगों को धरती हिलती महसूस हुई। भूकंप के तेज झटकों से लोगों में दहशत फैल गई और वे अपने घरों से बाहर निकल आए। 
 
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.0 दर्ज की गई है। उसका केंद्र 16 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले मंगलवार तड़के बंगाल की खाड़ी में रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया था। ALSO READ: बंगाल की खाड़ी में भूकंप के तेज झटके, पुरी से कोलकाता तक कई शहरों में दहशत           
 
 
दरअसल, जैसे हमारे घर के ऊपर छत होती है, उसी तरह जमीन के नीचे भी एक छत है, जिसे बेसाल्टिक लेयर कहते हैं। इतना ही नहीं प्रायद्वीपों की प्लेट परस्पर टूट गई हैं, इनमें दरारें आ गई हैं। जब ये प्लेट्‍स (टेक्टोनिक) एक दूसरे से टकराती हैं साथ ही जब इनके टकराने की गति तेज हो जाती है तो चट्‍टानें हिल जाती हैं। इसके कारण ही भूकंप आता है। सामान्यत: 3-4 की तीव्रता में नुकसान नहीं होता, लेकिन जब भूकंप 5-6-7 या इससे अधिक की तीव्रता का होता है तो नुकसान ज्यादा होता है। 
 
श्रीवास्तव कहते हैं कि हिमालय का निर्माण ही प्लेटों के टकराने से हुआ था। द्वापरकालीन द्वारका नगरी भी भूकंप के कारण ही समुद्र में समा गई थी। हिन्दूकुश पर्वत से लेकर नॉर्थ ईस्ट एरिया भूकंप संवेदनशील क्षेत्र में आता है, जहां भूकंप आते रहते हैं। भूकंप की भविष्यवाणी अत्यंत असंभव है। कहते हैं कि सूर्य की लपटें जब निकलती हैं तो वे अपर एटमास्फेयर से टकराती हैं तो भूकंप आता है। हालांकि इसकी भी पुष्टि नहीं है। 
 
कैसे बचें आपदा से : डिजास्टर मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत साने कहते हैं कि 2001 में गुजरात में आए भूकंप के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा था। कच्छ क्षेत्र की 50 से 60 प्रतिशत इमारतें तबाह हो गई थीं। उन्होंने कहा कि भूकंप की पहले से भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती, लेकिन बचने के लिए प्री-अर्थक्वेक डिजास्टर प्लान तो तैयार कर ही सकते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि भूकंप से किसी की मृत्यु नहीं होती। इमारतों के मलबे में दबने से ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। हमें इसके लिए भूकंप रोधी मकानों का निर्माण करना चाहिए। भूकंप रोधी इमारतों का निर्माण करने के लिए रेक्ट्रोफीलिंग मटेरियल का उपयोग किया जाता है। सरकार ने भी इसके लिए गाइडलाइंस जारी की है।
 
भूकंप से बचने के लिए सूत्र वाक्य का उल्लेख करते हुए साने कहते हैं कि भूकंप के समय रुको, झुको, ढको और बचो की नीति अपनानी चाहिए। हमें भूकंप के समय टेबल के नीचे घुसकर, या चौखट के नीचे खड़े होकर खुद को बचाना चाहिए। सिर बच जाता है तो बचने की उम्मीद बढ़ जाती है। 
edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Aurangzeb को लेकर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा का बयान, तो हिन्दू बचते ही नहीं

RSS नेता भैयाजी जोशी के बयान के बाद मुंबई में भड़का मराठी विवाद, BJP आई बचाव में

Ultraviolette Tesseract e-scooter : फ्यूचर टेक्नोलॉजी के साथ आया सस्ता इलेकिट्रक स्कूटर, सिर्फ 999 रुपए...

Supreme Court ने बताया ED की शक्तियों से जुड़े फैसले पर कब होगी सुनवाई

चीन ने ठोकी ताल, ट्रम्प के टैरिफ पर दी खुली जंग की चुनौती, कहा- हर मोर्चे पर तैयार

सभी देखें

नवीनतम

एलएंडटी महिला कर्मचारियों को देगी एक दिन का मासिक धर्म अवकाश

दक्षिण कोरियाई लड़ाकू विमान ने गलती से बम गिराए, 8 लोग घायल, मुआवजा देगी वायुसेना

Chhattisgarh : 2 सड़क दुर्घटनाओं में 9 लोगों की मौत, 16 घायल

Mahila Samridhi Yojana : दिल्ली में इस तारीख से होगी महिला समृद्धि योजना की शुरुआत, खातों में आएंगे 2500 रुपए

Mumbai 26/11 Attacks : आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने की भारत न भेजने की अपील, बोला- प्रताड़ना से कुछ ही दिनों में हो सकती है मौत

अगला लेख
More