नई दिल्ली। 'कोरोना से बनानी है दूरी, तो दो डोज़ हैं ज़रूरी'। यह पंक्तियां सरकार की तरफ से ही ट्विटर पर साझा की गई हैं। लेकिन, क्या भारत में उतनी ही तेजी से टीकाकरण हो रहा है? आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक (15 जून, सुबह 7 बजे तक) देश की 3.58 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं, जबकि 18.95 फीसदी आबादी ऐसी है, जिसे 2 या 1 टीका लग चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में 25 करोड़ 90 लाख 44 हजार 72 डोज वैक्सीन के लग चुके हैं। इनमें 21 करोड़ 1 लाख 66 हजार 746 ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें पहला डोज लगा है, जबकि 4 करोड़ 88 लाख 77 हजार 326 लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। इसमें कोई संदेह नहीं की टीकाकरण की गति बढ़ी है, लेकिन वैक्सीन की किल्लत के चलते कहीं-कहीं टीकाकरण रुकने की खबरें भी आती रहती हैं।
पिछले 24 घंटों की ही बात करें तो (34 लाख 82 हजार 642 लोगों को पहला डोज लगाया गया, जबकि 4 लाख 44 हजार 512 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया। वहीं, एक दिन में 39 लाख 27 हजार से ज्यादा लोगों को टीका लगाया गया।
राज्यवार स्थिति का आकलन करें तो महाराष्ट्र में सर्वाधिक 2 करोड़ 62 लाख 28 हजार 293 टीके लगाए गए हैं। यहां 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहला टीका लग चुका है, जबकि 52 लाख से ज्यादा लोग वैक्सीन का दूसरा डोज भी लगवा चुके हैं।
टीकाकरण की सूची में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 2 करोड़ 34 लाख 12 हजार 988 डोज लग चुके हैं। वहीं, 1 करोड़ 95 लाख 76 हजार 91 लोगों को पहला डोज, जबकि 38 लाख 36 हजार 897 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लग चुका है।
टीकाकरण की सूची में तीसरे नंबर पर पीएम मोदी का गुजरात है जहां 2 करोड़ 5 लाख 67 हजार 167 डोज वैक्सीन के लग चुके हैं। राजस्थान में 1 करोड़ 98 लाख 88 हजार 81 डोज अब तक लग चुके हैं। ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में भी 1 करोड़ 78 लाख 54 हजार 448 डोज लग चुके हैं। इसके बाद टीकाकरण की सूची में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार और केरला का नाम है।