नई दिल्ली। कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर किए गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर विश्वासघात का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मामले पर जवाब देना चाहिए। हालांकि ट्रंप के बयान पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण आ चुका है कि कश्मीर मुद्दा भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प ने कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि ‘भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया। किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। सुरजेवाला ने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री देश को जवाब दें।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस मामले पर ट्वीट किया कि ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि ट्रम्प को इस बात का थोड़ा भी अंदाजा है कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं। उन्हें या तो समझाया नहीं गया है या समझ नहीं आया है कि (प्रधानमंत्री) मोदी क्या कह रहे हैं या फिर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर भारत की स्थिति क्या है। विदेश मंत्रालय को यह स्पष्ट करना चाहिए कि दिल्ली ने कभी इसकी (तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की) हिमायत नहीं की है।
ट्रंप के दावे को भारत ने बताया झूठा : भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है और कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे का हल द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिए उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाए।