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अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद काट रहा डॉन प्रकाश पांडे बना प्रकाशानंद गिरि!

हमें फॉलो करें अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद काट रहा डॉन प्रकाश पांडे बना प्रकाशानंद गिरि!

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

देहरादून/हरिद्वार , शनिवार, 7 सितम्बर 2024 (18:42 IST)
Don Prakash Pandey, serving life imprisonment in Almora jail : अल्मोड़ा जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक अंडरवर्ल्ड डॉन को हाल में जेल परिसर में साधुओं ने दीक्षा दी थी। डॉन और साधुओं की मुलाकात कराने वाले एक व्यक्ति ने यह दावा किया है। डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी के खिलाफ जबरन वसूली, डकैती और हत्या सहित कई आपराधिक मामले लंबित हैं।
 
गैंगस्टर और साधुओं की मुलाकात की व्यवस्था करने वाले व्यक्ति के साथ दो साधु कथित तौर पर पांच सितंबर को जेल परिसर में दीक्षा समारोह के लिए गए थे। इस दौरान पांडे को रुद्राक्ष की माला और मोतियों की माला (कंठी) पहनने के लिए दी गई थी। उसके कानों में वैदिक मंत्र भी सुनाए गए थे।
साधुओं ने डॉन का नाम बदलकर प्रकाशानंद गिरि कर दिया। साधुओं ने स्वयं को पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुड़ा हुआ बताया, जिसका मुख्यालय हरिद्वार में है और इसके आश्रम कुमाऊं क्षेत्र में हैं। जेल परिसर से बाहर आने के बाद साधुओं और मुलाकात कराने वाले कृष्ण कांडपाल ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उसमें (पांडे) देशभक्ति की भावनाएं हैं और धार्मिक और निर्मल जीवन की ओर बढ़ना चाहता था।
 
कांडपाल ने कहा, जब मैं पीपी भाई से मिला तो मैं उसकी देशभक्ति की भावना से प्रभावित हुआ। वह एक बार दाऊद (इब्राहिम) को मारने के लिए पाकिस्तान गया था। वह किसी और को मारने के लिए वियतनाम भी गया था, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। उसने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की इच्छा जताई थी। मैंने साधुओं से बात की और वे उसे दीक्षा देने के लिए सहमत हो गए।
उन्होंने कहा, यह एक सामान्य दीक्षा कार्यक्रम था। बड़ा और विस्तृत कार्यक्रम 2025 में प्रयागराज कुंभ में किया जाएगा। राजेंद्र गिरि नामक एक साधु ने कहा कि प्रकाशानंद गिरि का जीवन जेल में बंद अन्य कैदियों को आध्यात्मिकता और निर्मल जीवन अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
 
नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अजय भट्ट ने इस घटना पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए परहेज किया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे घटना की कोई जानकारी नहीं है। मैं साधुओं पर भी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
जब उनसे पूछा गया कि अधिकारियों ने जेल परिसर में समारोह आयोजित करने की अनुमति कैसे दी, तो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह जेल नियमावली पढ़ने के बाद ही इस पर टिप्पणी कर सकते हैं। इस बीच, पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने कहा कि वह घटना की जांच के लिए सात सदस्‍यीय समिति गठित करेगा। (भाषा)
फोटो सौजन्‍य : सोशल मीडिया
Edited By : Chetan Gour

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