दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बुलाए जाने को लेकर सियासी बवाल शुरु हो गया है। रविवार को रामलीला मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण में सरकारी स्कूल के प्रिसिंपल और बीस टीचरों के शामिल होने को लेकर शिक्षा निदेशालय के एक सर्कुलर जारी किया है। निदेशालय की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में प्रिंसिपल्स और वाइस प्रिंसिपल्स के साथ 20 शिक्षक भी शामिल हो।
मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में शिक्षकों को बुलाने को लेकर भाजपा ने सवाल उठा दिए है। चुनावी में बुरी तहर हारने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को बुलाने पर एतराज जताते हुए इसे एक गलत परंपरा की शुरुआत बताई है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण को ऐसे अनावश्यक ग्रहणों से मुक्त रखना चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव में स्कूलों को लेकर खूब सियासत हुई थी। आम आदमी पार्टी ने स्कूलों की बेहतर स्थिति और गुणवत्तापूर्वक शिक्षा को अपना मुख्य मुद्दा बनाया था। चुनाव के समय भाजपा ने केजरीवाल के इस कार्ड की काट ढूढने की कोशिश भी की थी लेकिन वह बुरी तरह नाकाम साबित हुई थी। ऐसे में अब शपथ ग्रहण सामारोह में शिक्षकों के शामिल होने पर भाजपा ने सवाल उठाकर केजरीवाल 3.0 सरकार को सत्ता संभालने से पहले ही घेर लिया है।