मुंबई। एक सरकारी अस्पताल से जुड़े और कुछ दिन पहले कोरोना वायरस रोधी टीके की पहली खुराक लेने वाले एक डॉक्टर कोरोना वायरस की चपेट में आ गए, लेकिन अब वह इससे उबर चुके हैं। बीएमसी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
महाराष्ट्र सरकार के कार्यबल के एक विशेषज्ञ ने कहा कि यह कोई असामान्य घटना नहीं है क्योंकि टीका लेने के तुरंत बाद प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न नहीं होती है।
बृहन्मुंबई नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि 46 वर्षीय डॉक्टर बीवाईएल नायर अस्पताल के साथ काम कर रहे हैं और कोविशील्ड टीके की पहली खुराक लेने के 9 दिन बाद उनकी कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भारमल ने बताया कि डॉक्टर पिछले सप्ताह संक्रमित पाए गए थे, लेकिन अब वह संक्रमण से उबर चुके हैं और जल्द ही काम शुरू करेंगे।
कोरोना वायरस संबंधी राज्य सरकार के कार्य बल में शामिल डॉ. ओम श्रीवास्तव ने बताया कि टीका लगवाने के बाद भी कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि टीके की पहली खुराक लेने के दो सप्ताह बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता विकिसत होनी शुरू होती है तथा अधिकतम प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए दूसरी खुराक जरूरी है।
बीएमसी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूसरी खुराक लेने के बाद पूरी तरह रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में कम से कम 45 दिन का समय लगता है। इसलिए लोगों को टीका लगवाने के बाद भी सुरक्षा नियमों का पालन करते रहना चाहिए।