नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में नर्मदा नदी की निर्मलता बहाल करने और इसकी पैदल परिक्रमा का मार्ग सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस पवित्र नदी के संरक्षण के लिए समन्वित तरीके से एक कानून लाना चाहिए।
हाल ही में नर्मदा नदी की परिक्रमा पूरी करने वाले दिग्विजय सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि नर्मदा, मध्यप्रदेश और गुजरात के लोगों के लिए जीवनरेखा है लेकिन इस पवित्र नदी की दुर्दशा बेहद चिंताजनक है, क्योंकि नर्मदा के पूरे कैचमेंट एरिया में जंगल काट दिए गए हैं, नदी पर जगह-जगह बांध बनाए गए हैं और अवैध तरीके से रेत खनन हो रहा है। इसके कारण नर्मदा का बहाव बहुत ही कम हो गया है और जलस्तर भी घट गया है।
उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध में पानी घट गया है और समुद्र का खारा पानी नर्मदा में मिल रहा है। गुजरात के भरुच में रसायनिक उद्योग अवैध तरीके से पाइप लाइन डालकर नर्मदा का पानी ले रहे हैं। इन उद्योगों का खतरनाक अपशिष्ट इसी नदी में जा रहा है।
सिंह ने कहा नर्मदा की निर्मलता बहाल करने के लिए जरूरी है कि इसके कैचमेंट एरिया में जंगल कटाई पर रोक लगे और मशीन से रेत का खनन न किया जाए। नदी की पैदल परिक्रमा का मार्ग सुनिश्चित किया जाए और इसमें आकर मिलने वाले नदी-नालों की सफाई की जाए।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को नर्मदा के संरक्षण के जलिए समन्वित तरीके से एक कानून लाना चाहिए। उन्होंने नर्मदा के उत्तर तट और दक्षिण तट पर जेट्टी बनाने तथा नर्मदा में नौकायन कराने के लिए नावों पर लाइफ जैकेट मुहैया कराने की मांग भी की।
विभिन्न दलों के सदस्यों ने सिंह के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। इससे पहले सभापति एम. वेंकैया नायडू ने दिग्विजय सिंह का नाम पुकारते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने हाल ही में नर्मदा परिक्रमा पूरी की है और वे सदन को अपने अनुभव बताएंगे। (भाषा)