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जानिए क्यों सिंधिया, कमलनाथ से ज्यादा भाजपा के टारगेट पर हैं दिग्विजय?

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विकास सिंह

भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच गया है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह जहां अपनी चुनावी रैली में पहला हमला सीधे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर बोल रहे हैं तो दूसरे नेता जो भाजपा के बड़े नेताओं के निशाने पर हैं वे हैं कांग्रेस के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गिवजय सिंह।


भाजपा के दिग्गज प्रचारक सूबे में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कर रहे हैं। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मोर्चा संभाले हुए हैं तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन में पांच से सात चुनावी सभाएं कर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह जहां अपनी चुनावी रैली में पहला हमला सीधे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर बोल रहे हैं तो दूसरे नेता जो भाजपा के बड़े नेताओं के निशाने पर हैं वे हैं कांग्रेस के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गिवजय सिंह।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया से ज्यादा दिग्विजय को टारगेट करना भाजपा की एक बड़ी रणनीति है। भाजपा के रणनीतिकार ये अच्छी तरह जानते हैं कि इस समय शिवराज सरकार को बड़े पैमाने पर एंटीइनकमबेंसी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने चुनाव से पहले जो सर्वे कराए थे उसमें लोगों का गुस्सा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विकास के प्रति उदासीन रवैए को लेकर है।

चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद भाजपा ने लोगों के गुस्से और एंटीइनकमबेंसी के फैक्टर को देखते हुए ये तय कि़या कि लोगों को ये बताया जाए कि दिग्विजय सिंह के शासनकाल में सूबे की क्या हालत थी और पिछले पंद्रह सालों में भाजपा सरकार ने क्या-क्या काम किया है। भाजपा के रणनीतिकार इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि लोगों में आज भी दिग्विजय के प्रति नाराजगी है, जिसको भाजपा इस बार भुनाने की कोशिश कर रही है।

इसलिए मोदी, अमित शाह और शिवराज अपनी हर सभा में दिग्विजय को पंद्रह साल बाद फिर जोरशोर से बंटाढार के नाम से संबोधित कर रहे हैं। भाजपा की पूरी कोशिश है कि इस बार चुनाव में दिग्विजय सिंह को फ्रंट पर लाया जाए, इसलिए भाजपा दिग्विजय से जुड़े विवादों को खूब हवा दे रही है। इस समय भाजपा महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में दिग्विजय सिंह के नाम को जोरशोर से उछाल रही है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए सीधे राहुल गांधी से ही सवाल पूछ लिया। संबित पात्रा ने पूरे मामले की जांच पूरी होने तक दिग्विजय सिंह को कांग्रेस से बर्खास्त करने की मांग राहुल से कर डाली, वहीं भाजपा के निशाने पर खुद के होने पर दिग्विजय सिंह कहते हैं कि वो भाजपा और संघ के लिए पंचिंग बैग हैं। जब भी भाजपा और संघ को गुस्सा निकालना होता है, तो ये मुझ पर निकालते हैं।

दिग्विजय कहते हैं कि उनके पास संघ और भाजपा दोनों ही संगठनों की बहुत-सी कमजोरियां हैं, इसलिए भाजपा और संघ उनसे डरती है। अब बात करें कांग्रेस की रणनीति की तो कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में भाजपा की रणनीति को काउंटर करने के लिए दिग्विजय सिंह को फ्रंट पर नहीं रखा है।

दिग्विजय सिंह को पार्टी ने समन्वय की जिम्मेदारी सौंप कर कांग्रेस को होने वाले डेमेज कंट्रोल को रोकने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। खुद दिग्विजय ने भी एक रणनीति के तहत पार्टी में खुद को पीछे रखने का फैसला किया है। अब जब चुनाव प्रचार आखिरी दौर में है तब देखना होगा कि भाजपा दिग्विजय सिंह को कितना टारगेट करती है।

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