Lawyers Vs DelhiPolice : खौफ के साये में खाकी, डर लगता है काले कोट वालों से...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 5 नवंबर 2019 (21:16 IST)
यदि पुलिसकर्मियों को अपनी सुरक्षा के लिए धरना और प्रदर्शन करना पड़े तो फिर देश के आम नागरिकों का तो भगवान ही मालिक है। दरअसल, पिछले दिनों दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुए विवाद के बाद न सिर्फ पुलिसकर्मियों बल्कि उनके परिजनों को भी सुरक्षा की गुहार लेकर सड़क पर उतरना पड़ा।
 
दिल्ली पुलिस के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका था, जब पुलिसकर्मियों को इस तरह का कदम उठाना पड़ा। 11 घंटे चले प्रदर्शन में आंदोलनकारी पुलिसकर्मी तब तक टस से मस नहीं हुए, जब तक कि उनकी मांगें नहीं मान ली गईं। 
 
हालांकि पिछले दिनों सड़कों पर जो दृश्य देखने को मिले न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए बल्कि देश के लिए भी शर्मिंदा करने वाले थे। पहले तीस हजारी कोर्ट परिसर में कानून के जानकार और कानून के रखवाले भिड़े। बात इतनी बढ़ी कि पुलिसकर्मी ने गोली भी चला दी। वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी।
 
ALSO READ: LawyersVsDelhiPolice : 11 घंटे बाद पुलिसकर्मियों ने खत्म किया धरना
 
यह मामला यहीं नहीं थमा। देश के कुछ अन्य स्थानों से भी इस तरह की खबरें आईं। फिर वीडियो फुटेज में देखने में आया कि किस तरह कुछ कथित वकील एक पुलिसकर्मी को बुरी तरह पीट रहे हैं, यहां तक कि जब वह जवान अपने वाहन को आगे बढ़ाता है तो उस पर हेलमेट फेंककर हमला किया जाता है। यह भविष्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं है।
 
कई पुलिसकर्मी तो बातचीत के दौरान अपने आंसू भी नहीं रोक पाए। एक महिला पुलिसकर्मी ने तो यहां तक कहा कि यदि इस तरह की घटनाएं होंगी तो कौन मां-बाप अपनी बेटियों को पुलिस में नौकरी करने के लिए भेजेंगे।
 
पुलिसकर्मियों के हाथों में दिखाई दे रहे पोस्टर उनकी व्यथा को व्यक्त कर रहे थे। पोस्टरों की बानगी कुछ इस तरह थी- सुरक्षा करने वालों को चाहिए सुरक्षा, न्यायालय धृतराष्ट्र क्यों बना?, पुलिस के मानवाधिकार कहा हैं? ऐसे और भी कई पोस्टर थे। 
 
मीडिया के लिए यह मामला अपने आप में अनोखा था। क्योंकि आमतौर पर यही लिखा जाता रहा है कि 'खाकी का खौफ', लेकिन अब इसके उलट पहली बार देखने में आया कि 'खौफ में खाकी'।
 
'काले कोट वालों' के खिलाफ एकजुट पुलिसवालों को यह भी समझना होगा कि कई गरीब, कमजोर लोग उनके सामने एफआईआर लिखने के लिए गिड़गिड़ाते रहते हैं, लेकिन वे उन्हें एक थाने से दूसरे थाने के चक्कर कटवाते रहते हैं। हालांकि पुलिसकर्मियों का यह गुस्सा सिर्फ वकीलों के प्रति है या फिर वर्षों से दबी कोई 'चिंगारी' है जो अब 'आग' के रूप में सामने आई है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

rg kar college rape murder case : डॉक्टरों का 2 घंटे तक इंतजार करती रहीं ममता बनर्जी, फिर मांगी जनता से माफी

मेरठ : 2 साल के अफेयर का खौफनाक अंत, 25 साल के भतीजे के प्रेम में छली गई 40 साल की चाची, जान देकर चुकानी पड़ी कीमत

Sukanya Samriddhi Yojana में 1 अक्टूबर से बड़ा बदलाव, जान लें वरना पछताएंगे

MG Windsor Electric : 1 साल तक फ्री चार्जिंग, 331 Km रेंज, सस्ती कार से मार्केट में आ जाएगी सुनामी

अखिलेश यादव ने लगाया BJP और सरकारी अधिकारियों पर अयोध्या में भूमि घोटाले का आरोप

सभी देखें

नवीनतम

जयशंकर की खरी-खरी, आप हम पर टिप्पणी करिए पर खुद भी सुनने को तैयार रहिए

गुजरात के गांधीनगर में मेश्वो नदी में 8 लोगों की डूबने से मौत

इंदौर में सामुदायिक कैमरा निगरानी प्रणाली को हरी झंडी

चुनाव से पहले किसानों को बड़ी राहत, सरकार ने हटाई प्‍याज-बासमती चावल की न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा

CM मान और सिसोदिया के गले लगे केजरीवाल, मां ने तिलक लगाकर किया स्वागत

अगला लेख
More