Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

2G scam case: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया रिहाई के खिलाफ अपील पर जवाब देने का आदेश

हमें फॉलो करें 2G scam case: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया रिहाई के खिलाफ अपील पर जवाब देने का आदेश
, गुरुवार, 13 अप्रैल 2023 (20:24 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई, ईडी, पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और अन्य से 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आरोपी व्यक्तियों और कंपनियों को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों पर उनका पक्ष रखने को कहा है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि पक्षकार संक्षिप्त लिखित दलीलें दाखिल करेंगे, जो 5 पन्नों से अधिक न हों।
 
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकील ने अदालत से मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, जब वे अपील करने के लिए अनुमति देने के पहलू पर बहस करेंगे। इस पर न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई की तारीख 22 और 23 मई को निर्धारित की।
 
सीबीआई के वकील ने कहा कि मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई करने के लिए दिन में कोई भी समय निर्धारित कर दें। सीबीआई ने हालांकि पहले अपील करने की अनुमति के मुद्दे पर अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं लेकिन न्यायाधीश के बदलने के कारण मामले पर उसे नए सिरे से बहस करनी होगी।
 
अपील के लिए अनुमति (लीव टू अपील) एक अदालत द्वारा उच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती देने के लिए एक पक्ष को दी गई औपचारिक अनुमति होती है। इससे पहले मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर न्यायमूर्ति बृजेश सेठी द्वारा की जा रही थी, जो 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए थे और समय की कमी के कारण 23 नवंबर को उन्होंने अपने पास से मामले की सुनवाई को हटा दिया था।
 
कार्यालय छोड़ने से पहले न्यायमूर्ति सेठी ने सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज 2जी घोटाले की जांच से उत्पन्न 3 मामलों में बरी हुए व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं और आवेदनों पर फैसला किया था।
 
सीबीआई के मुख्य मामले में दलीलें पूरी करने के बाद उच्च न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई करेगा जिसमें सभी अभियुक्तों को विशेष अदालत ने बरी कर दिया था। एक विशेष अदालत ने 21 दिसंबर, 2017 को राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य को घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में बरी कर दिया था।
 
राजा और कनिमोई के अलावा विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजे) के 3 शीर्ष अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर को सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले में बरी कर दिया था।
 
स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद बलवा और विनोद गोयनका और 'कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल को भी बरी कर दिया गया था। विशेष अदालत ने सीबीआई मामले में स्वान टेलीकॉम (प्रा.) लिमिटेड, यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, फिल्म निर्माता करीम मोरानी और कलैगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार को भी बरी कर दिया था।
 
उसी दिन विशेष अदालत ने ईडी मामले में राजा, कनिमोई, द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, करीम मोरानी, पी. अमृतम और शरद कुमार सहित 19 अभियुक्तों को भी बरी कर दिया। ईडी ने विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए 19 मार्च 2018 को उच्च न्यायालय का रुख किया था। इसके 1 दिन बाद सीबीआई ने भी अपने मामले में आरोपियों की रिहाई को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'कैच द रेन' कार्यक्रम के तहत 150 जिलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त