भोपाल। कहते हैं कि राजनीति में कोई एक बार विधायक बन जाए तो वह कई पुश्तों को तार देता है। विधायक बनते ही उसके पूरे कुनबे की हैसियत और रंग-ढंग बदल जाते हैं, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने इस मान्यता को सिरे से खारिज कर दिया है।
भोपाल के रहने वाले प्रवीण कुमार भी दूसरी बार दिल्ली की जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए है। बेटा दूसरी बार विधायक चुन लिया गया है लेकिन पिता पीएम देशमुख आज भी पंचर बना रहे है।
नए और पुराने शहर को जोड़ने वाले पुल बोगदा के पास अपनी छोटी सी पंचर की दुकान चलाने वाले पीएन देशमुख बेटे के दूसरी बार विधायक चुने जाने पर गदगद है। वेबदुनिया से बातचीत में पीएन देशमुख कहते हैं कि बेटे के दूसरी बार विधायक चुनाने की सबसे बड़ी वजह उसका अपने क्षेत्र में किए जाने वाला काम है। वह बेटे की जीत को उसके सिद्धांतों की जीत बताते है।
वहीं वेबदुनिया के इस सवाल पर कि बेटा पांच साल से विधायक है और आप आज भी पंचर बना रहे है पर पीएन देशमुख कहते है कि बेटा अपना काम कर रहा है और मैं अपना काम कर रहा हूं। अगर बेटा मंत्री भी बन जाता है तो भी मेरे काम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
जंगपुरा से विधायक चुने गए प्रवीण कुमार का बचपन भोपाल में गुजरा है। भोपाल से पढ़ाई लिखाई करने वाले प्रवीण कुमार दिल्ली तो गए थे प्राइवेट नौकरी करने लेकिन अन्ना आंदोलन में शामिल हो गए। सात साल पहले जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो प्रवीण उसमें आ गए और 2015 में जंगपुरा विधासभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। आम आदमी पार्टी के कई ऐसे विधायक है जो निर्धन परिवार से ताल्लुक रखते है और दूसरी बार विधायक चुने गए है।