नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को '24 कैरेट का सोना' बताते हुए शुक्रवार को कहा कि वे महात्मा गांधी के बाद शायद एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्हें भारतीय समाज और इसके मनोविज्ञान की गहरी समझ है।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सिंह ने कहा कि सरकार के प्रमुख के तौर पर उनके पिछले दो दशकों के राजनीतिक सफर को प्रबंधन स्कूलों में प्रभावी नेतृत्व और कुशल शासन पर एक केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए।
मोदी की राजनीतिक यात्रा के पिछले दो दशकों के बारे में सिंह ने कहा, एक सच्चे नेतृत्व की पहचान उसके इरादे और सत्यनिष्ठा से होती है और दोनों ही मामलों में प्रधानमंत्री मोदी 24 कैरेट सोने के हैं। बीस साल तक सरकार का प्रमुख रहने के बाद भी उन पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है।
लोकतंत्र प्रदान करना : नरेंद्र मोदी के दो दशकों की सरकार के प्रमुख के रूप में समीक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में सिंह ने कहा कि मोदी केवल एक व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने कहा, अगर हम पिछले दो दशकों की उनकी राजनीतिक यात्रा को देखें, तो हम पाएंगे कि उनके सामने नई चुनौतियां आती रहीं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने उन चुनौतियों का सामना किया, उन्हें प्रबंधन स्कूलों में प्रभावी नेतृत्व और कुशल शासन पर एक केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए।
सिंह ने कहा कि जिस तरह से मोदी चुनौतियों से पार पाए, यह भारतीय समाज के प्रति उनकी गहरी समझ को दर्शाता है। उन्होंने कहा, वह शायद महात्मा गांधी के बाद भारतीय समाज और उसके मनोविज्ञान की गहरी समझ रखने वाले एकमात्र नेता हैं।
मोदी सरकार जो व्यवस्थित बदलाव लाने की कोशिश कर रही है, उसका जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, इस देश में सरकार कई बार बदली है, लेकिन पहली बार व्यवस्था को बदलने की कोशिश की जा रही है। आप इस प्रयास में कमियां पा सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की मंशा पर शक नहीं किया जा सकता है।
आत्मनिर्भर भारत के सरकार के एजेंडे पर रक्षामंत्री ने कहा कि सौ साल पहले महात्मा गांधी ने 'स्वदेशी' के बारे में बात की थी और उनके बाद दीनदयाल उपाध्याय ने इसके बारे में बात की थी। सिंह ने कहा, अब प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी 4.0 को नए संदर्भ के साथ लाए हैं। यह किसी के खिलाफ अभियान नहीं बल्कि स्थानीय उत्पादों और ब्रांडों को मजबूत करने का एक सकारात्मक प्रयास है।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए, सिंह ने कहा कि वह गुजरात को समग्र विकास के रास्ते पर ले गए और उन्होंने समाज के हर वर्ग की प्रगति के लिए काम किया। रक्षामंत्री ने कहा कि मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया और फिर प्रधानमंत्री के रूप में इसमें सबका विश्वास, सबका प्रयास जोड़ा।
सिंह ने कहा, ये नारा सबका साथ, सबका विकास देते हुए नरेंद्र भाई मोदी ने गुजरात में पंथ निरपेक्षता की एक नई इबारत लिख दी। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधारों और योजनाओं का भी हवाला दिया। विकास के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता पर चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि लंबे समय से इस देश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने से बचा गया है।
सिंह ने कहा, यह माना जाता था कि यदि आप व्यापार और उद्योग के साथ खड़े हैं तो आपकी सामाजिक प्रतिबद्धता कमजोर है। इस भ्रांति को मोदी ने कड़ी चुनौती दी। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में उद्योग और उद्यमियों को पहचाना और उनका सम्मान किया।
मोदी के साथ अपने लंबे जुड़ाव का विवरण साझा करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रमुख ने कहा कि मोदी की निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता और उनकी कल्पना शक्ति ने उन्हें सबसे अधिक प्रभावित किया। मोदी 2001 से 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहे थे।(भाषा)