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अब थर-थर कांपेंगे दुश्मन, भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत, Army को मिलेंगे घातक हथियार

रक्षा मंत्रालय ने 79000 करोड़ रुपए के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी

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हमें फॉलो करें Defence Ministry approves procurement proposals worth Rs 79000 crore

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 (20:35 IST)
Indian Army News : भारतीय सेनाओं को और घातक बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 79000 करोड़ रुपए के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी दे दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में Defence Acquisition Council (DAC) की बैठक में तीनों सेनाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना के लिए इन रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह बैठक 23 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में हुई। इन रक्षा प्रस्तावों के जरिए नाग मिसाइलें खरीदी जाएंगी, जिससे दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह किए जा सकें। लैंडिंग प्‍लेटफार्म डॉक्‍स बनाए जाएंगे, ताकि समुद्र से जमीन पर ऑपरेशन आसान हो सके।

एडवांस लाइटवेट टारपीडो की खरीद होगी, जिससे समंदर में पनडुब्‍ब‍ियों को ध्‍वस्‍त किया जा सके। सुपर रैपिड गन खरीदी जाएगी ताकि एयरफोर्स हवा में कमाल दिखा सकें। इससे सेना को दुश्मन से लड़ने में आसानी होगी, नौसेना समुद्र में अपनी पकड़ मजबूत करेगी और वायुसेना हवा में दुश्मन को चकमा दे सकेगी।
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रक्षा मंत्रालय का यह फैसला न भारतीय सेनाओं को अत्याधुनिक युद्धक उपकरणों और प्रणालियों से लैस कर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार करेगा। सरकार और सेनाएं मिलकर इस पर तेजी से काम करेंगी ताकि जल्द से जल्द ये हथियार और सिस्टम्स हमारे जवानों के हाथ में हों। भारतीय नौसेना के लिए कई आधुनिक प्रणालियों को मंजूरी दी गई है।
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इनमें लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स (LPD), 30mm नेवल सरफेस गन (NSG), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (ALWT), इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम, और स्मार्ट अम्युनिशन शामिल हैं। वायुसेना के लिए Collaborative Long Range Target Saturation/Destruction System (CLRTS/DS) जैसे उन्नत प्रोजेक्ट्स को भी AoN मिली है।
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यह तकनीक भारतीय वायुसेना की लंबी दूरी की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन सभी प्रस्तावों से भारत की रक्षा क्षमताएं न केवल आधुनिक होंगी बल्कि स्वदेशी निर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। कई प्रणालियां देश में ही विकसित की जाएंगी, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों को बल मिलेगा।
Edited By : Chetan Gour

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