नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के सदस्यों के नामों की बुधवार को घोषणा की।
सदस्यों में वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (इलाहाबाद), जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थजी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंदजी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरिजी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं- अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास। दो प्रमुख हिन्दू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे।
एक हिन्दू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा। उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा।
एक हिन्दू प्रतिनिधि को उत्तरप्रदेश सरकार मनोनीत करेगी। प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा, जो उत्तरप्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो। अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिन्दू होंगे।
यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिन्दू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिन्दू हो, उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा। राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा। अध्यक्ष एक हिन्दू होगा, जो पदेन सदस्य भी होगा।