नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि देशवासियों को कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक देने तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को टीके लगाए जाने का निर्णय वैज्ञानिक मार्गदर्शन एवं विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर लिया जाएगा।
लोकसभा में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति पर बृहस्पतिवार को हुई चर्चा का शुक्रवार को जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह बात कही।
चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने सरकार से जानना चाहा था कि देशवासियों को कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक लगाने तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को टीके लगाए जाने को लेकर सरकार की क्या नीति है। इस पर केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं, जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है।
उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं, जिन्होंने टीका अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं।
125 करोड़ टीके की डोज : मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक गहन विचार कर रहे हैं और जब वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे और जैसा तय करेंगे उनके मार्गदर्शन के आधार पर सरकार आगे चलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज तक कोविड रोधी टीके लगाने के संदर्भ में 125 करोड़ खुराक का आंकड़ा पार हो चुका है तथा 22 करोड़ खुराक राज्यों के पास बची हैं।
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ विपक्षी दलों के लोगों ने सदी के सबसे कठिन समय में भी राजनीति से बाहर नहीं आकर देश में कोरोना की लड़ाई को हरसंभव कमजोर करने का प्रयास किया।
मंत्री ने आरोप लगाया कि पहली लहर में लॉकडाउन के दौरान कुछ विपक्षी दलों ने लोगों को उकसाया तथा गरीबों के लिए चल रहे सबसे बड़े खाद्य कार्यक्रम का मजाक उड़ाकर गरीबों का मजाक उड़ाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने देश में बने कोविड टीकों पर सवाल उठाए और टीकाकरण के समय लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया।
मांडविया ने कहा कि वैज्ञानिकों ने जहां अपनी क्षमता साबित की, वहीं विपक्ष ने लोगों को डराया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में आपदा की स्थिति में ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा गया।
बच्चों को टीके पर विचार-विमर्श : वहीं स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि देश में 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका लगाने के संबंध में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर विचार-विमर्श कर रहा है।