Blood को लेकर DCGI का बड़ा फैसला, प्रोसेसिंग फीस वसूल सकेंगे अस्पताल, नहीं लगेंगे दूसरे चार्ज
खून नहीं बेच सकेंगे अस्पताल और ब्लड बैंक
- रक्त केंद्रों को दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश
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औषधि परामर्श समिति की हुई थी बैठक
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अधिक शुल्क वसूलने की प्रथा पर रोक
DCGI's big decision regarding blood : अस्पताल और रक्त केंद्र (Blood Bank) अब रक्त देने के बदले केवल प्रसंस्करण शुल्क ले सकते हैं और डीसीजीआई (DCGI) ने अधिक शुल्क वसूलने की प्रथा पर रोक लगाने के लिए अन्य सभी शुल्क खत्म करने का फैसला किया है। डीसीजीआई ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के दवा नियंत्रकों से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी रक्त केंद्रों को संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दें।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रक सह लाइसेंसिंग अधिकारियों को भेजे गए पत्र में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने लिखा कि यह फैसला इस राय के मद्देनजर लिया गया कि रक्त बेचने के लिए नहीं है।
औषधि परामर्श समिति की 26 सितंबर, 2023 को हुई 62वीं बैठक का जिक्र करते हुए डीसीजीआई ने 26 दिसंबर के पत्र में लिखा, रक्त के लिए अधिक शुल्क लेने के संबंध में एटीआर बिंदु तीन के एजेंडा संख्या 18 के संबंध में यह सिफारिश की गई, यह राय व्यक्त की गई कि रक्त बिक्री के लिए नहीं है, यह केवल आपूर्ति के लिए है और रक्त केंद्र केवल प्रसंस्करण शुल्क लगा सकते हैं।
सभी रक्त केंद्रों को संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश : संशोधित दिशा-निर्देश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि खून और खून संबंधी अवयवों के लिए केवल प्रसंस्करण शुल्क लगाया जा सकता है जिसकी कीमत खून या खून संबंधी अवयवों के लिए 250 रुपए से लेकर 1550 रुपए होती है। डीसीजीआई ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के दवा नियंत्रकों से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी रक्त केंद्रों को संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रक्तदान न करने की स्थिति में निजी अस्पतालों द्वारा प्रति यूनिट रक्त की कीमत 3000 रुपए से 8000 रुपए के बीच रखी जाती है। रक्त की कमी या दुर्लभ रक्त समूहों के मामलों में यह शुल्क अधिक हो सकता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour