Mahua Moitra's troubles will increase : रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सवाल के बदले महुआ ने महंगे गिफ्ट लिए।
जल्द नाम कमाना चाहती थीं : मीडिया खबरों के मुताबिक दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि वे जल्दी नाम कमाना चाहती थीं। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि मोइत्रा द्वारा हाल में लोकसभा में पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 केवल अडाणी समूह पर केंद्रित थे।
उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री को बदनाम करना था क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता। आरोप लगा है कि हीरानंदानी समूह ने अडाणी समूह के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर भुगतान किया था।
एक हस्ताक्षरित हलफनामे में हीरानंदानी ने स्वीकार किया कि सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन (आईओसी) द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल के बजाय ओडिशा में धामरा एलएनजी आयात सुविधा केंद्र को चुनने के बाद उन्होंने अडाणी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था। पीटीआई ने इस हलफनामे की प्रति देखी है।
यात्राओं में की मदद : उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण में सहायता, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की।
निशिकांत ने लगाए थे आरोप : इस सप्ताह की शुरुआत में, भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे और मोइत्रा के अलग हुए साथी और वकील जय अनंत देहाद्रई ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए हीरानंदानी से मदद ली। इस पर मोइत्रा ने उनके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मानहानि का मुकदमा किया है।
अकाउंट किया डिलीट : इस बीच, दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की आचार समिति को भेज दिया है। हीरानंदानी से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया। हलफनामा सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। हीरानंदानी ने अडाणी समूह द्वारा केरल में बंदरगाह परिचालन शुरू करने संबंधी खबर इस सप्ताह एक्स पर रीपोस्ट की थी। मोइत्रा की भी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
2017 में हुई थी मुलाकात : हीरानंदानी ने कहा कि वर्ष 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में मोइत्रा से मुलाकात के बाद, जब वे विधायक थीं, वे पिछले कुछ वर्षों में उनकी करीबी निजी दोस्त बन गईं। हीरानंदानी ने कहा कि इससे उन्हें विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में व्यापार का अवसर मिलने की उम्मीद थी।
हीरानंदानी ने मोइत्रा के 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीतने के बारे में कहा कि वे बहुत महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं।
हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें उनके दोस्तों और सलाहकारों ने सलाह दी कि सबसे छोटा रास्ता अपनाना चाहिए और वे मोदी पर व्यक्तिगत हमला करके प्रसिद्धि पा सकती हैं। हीरानंदानी ने कहा कि हालांकि, प्रधानमंत्री की बेदाग प्रतिष्ठा है और वह किसी को भी नीति, शासन या व्यक्तिगत आचरण में उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दे रहे।
उन्होंने कहा कि जैसा कि उनकी (मोइत्रा) आदत थी, उन्होंने सोचा कि मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अडाणी और उनके समूह पर हमला करना है क्योंकि दोनों समकालीन हैं और वे एक ही राज्य गुजरात से हैं। हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें इस तथ्य से मदद मिली कि अडाणी ने व्यापार, राजनीति और मीडिया के कुछ वर्गों में ईर्ष्या पैदा कर दी थी और उनके आलोचक थे।
उन्होंने कहा कि इसलिए, उन्हें अडाणी को निशाना बनाकर प्रधानमंत्री को बदनाम करने और शर्मिंदा करने के अपने प्रयास में इन वर्गों से समर्थन मिलने की उम्मीद थी। हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें आईओसी द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल की जगह धामरा को चुनने के बारे में पता था।
उन्होंने कहा कि इस जानकारी के आधार पर, मोइत्रा ने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिनमें अडाणी समूह को निशाना बनाकर सरकार को शर्मिंदा करने वाले तत्व रहे होंगे; ऐसे सवाल जिन्हें वह संसद में उठा सकती थीं। हीरानंदानी ने दावा किया कि उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ई-मेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें। मैंने उनके प्रस्ताव को मान लिया।
संसद का लॉगइन दिया : हीरानंदानी ने दावा किया कि अडाणी समूह से संबंधित सवालों का जो पहला सेट उन्होंने भेजा था, मोइत्रा उससे मिली प्रतिक्रिया से प्रसन्न थी। हीरानंदानी ने कहा कि इसके बाद मोइत्रा ने उनसे अडाणी समूह पर अपने हमलों में उनका सहयोग जारी रखने का अनुरोध किया। हीरानंदानी ने कहा, उन्होंने मुझे अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड प्रदान किया ताकि आवश्यकता पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकूं।
आज सुनवाई : दिल्ली हाईकोर्ट तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका 17 अक्टूबर को दायर की गयी थी जो न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
पश्चिम बंगाल की कृष्णनगर लोकसभा सीट से सांसद मोइत्रा ने दुबे, वकील जय अनंत देहाद्रई, सोशल मीडिया मंच एक्स, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोकने का अनुरोध किया है।
समिति का किया है गठन : दुबे ने मोइत्रा पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक उद्यमी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया है कि मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए।
दुबे ने वकील देहाद्रई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने एक कारोबारी द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता को रिश्वत दिए जाने के ऐसे साक्ष्य साझा किए हैं जिनका खंडन नहीं किया जा सकता। मोइत्रा ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में आरोपों को खारिज किया है और दावा किया कि उनकी साख खराब करने के लिए ये आरोप गढ़े गए हैं। (एजेंसियां )