नई दिल्ली। देश में गर्मी तीखे तेवरों और बढ़ते जलसंकट के कारण लोगों की उम्मीद मानसून पर आकर टिक गई है। लेकिन, चक्रवाती तूफान ‘सागर’ और ‘मेकुनु’ ने इसकी रफ्तार को रोक दिया है। हालांकि यह भी अनुमान है कि एक अन्य सिस्टम के डेवलप होने से मानसून 25 मई या उसके दो दिन बाद पहुंच सकता है।
स्काइमेट के अनुसार मई की शुरुआत में स्थितियां मानसून के अनुकूल थीं और ऐसी संभावना थी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह तथा आसपास के क्षेत्रों में 20 मई को आ जाएगा। हालांकि यह सीमा पार हो चुकी है और अब तक अंडमान व निकोबार क्षेत्र में मॉनसून नहीं पहुंचा है। इन दोनों ही तूफानों ने मानसून की लय को प्रभावित किया है।
चक्रवाती तूफान सागर जिबूती और यमन की ओर गया है जबकि मेकुनु ओमान और यमन की ओर बढ़ रहा है। इन दोनों सिस्टमों से भारतीय पश्चिमी तटों पर बारिश तो नहीं हुई बल्कि दक्षिण भारत में हो रही बारिश में भी कमी आ गई। दअरसल, चक्रवाती तूफानों ने नमी को अपनी ओर आकर्षित कर लिया जिससे केरल में पहले से हो रही प्री-मॉनसून वर्षा में भी कमी आ गई।
जानकारी के मुताबिक मेकुनु अभी भी अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम में है और इसके अति भीषण चक्रवात बनने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लैंडफॉल करने से पहले यह तूफान लगातार सशक्त होता रहेगा।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि हमें चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि 25 मई तक दक्षिण भारत के दोनों तटीय क्षेत्रों यानी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो नए मौसमी सिस्टम विकसित हो सकते हैं। इन दोनों ही सिस्टमों से मॉनसून 25 मई या उसके 2 दिन बाद तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और सटे अंडमान सागर में पहुंच जाएगा।