पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर आखिर चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' ने अपनी दस्तक दे दी है। इसके पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से होते हुए उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश की ओर बढ़ने की संभावना है। तूफान 'बुलबुल' की वजह से पूरे इलाके में भारी बारिश हो रही है। उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, कोलकाता में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं और इसके 70 किलोमीटर प्रति घंटे होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में समुद्र में स्थिति काफी गंभीर रहेगी। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार होगा। विभाग ने मछुआरों को अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' तटीय बांग्लादेश और इससे सटे दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले तक पहुंचते-पहुंचते कमजोर पड़ सकता है। तेज हवाओं की चपेट में आने से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने 7 जिलों के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है। दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। लाखों को प्रभावित इलाकों से निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे खुद स्थिति की निगरानी कर रही हैं और 'बुलबुल' तूफान से लड़ने के लिए प्रशासन हरसंभव इंतजाम कर रहा है। उन्होंने नागरिकों से शांति कायम रखने और परेशान न होने का आग्रह किया है।
बांग्लादेश के कनिष्ठ आपदा प्रबंधन मंत्री एनामुर रहमान के मुताबिक, 18 लाख से अधिक लोगों को शनिवार शाम तक सुरक्षित निकाला गया। शनिवार सुबह तक 5000 से अधिक आश्रयगृह तैयार किए गए थे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बांग्लादेश की नौसेना और तटरक्षक बल को तैयार रखा गया है।