गांधीनगर। अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान वायु ने और गंभीर स्वरूप धारण कर लिया है। इसके पूर्व में अनुमान की तुलना में और अधिक तीव्रता से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात के सौराष्ट्र तट के निकट गुरुवार दोपहर तक जमीन से टकराने (लैंडफॉल) की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार यह दोपहर 12 बजे तक वेरावल तट से लगभग 280 किमी दक्षिण में स्थित था और 14 किमी प्रतिघंटे की गति से गुजरात की ओर बढ़ रहा था। इसके प्रभाव से गुजरात के तटवर्ती क्षेत्र के मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं जबकि तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं बह रही हैं। कहीं-कहीं बरसात भी शुरू हो गई है। हिंद महासागर के तट पर स्थित विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी दोपहर को धूल की आंधी में घिर गया गया था।
अहमदाबाद मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने गुरुवार को बताया कि अब इसने अति गंभीर च्रकवाती तूफान का स्वरूप ले लिया है। यह द्वारका से वेरावल के बीच वेरावल के आसपास गुजरात तट से गुरुवार दोपहर तक टकराएगा। उस समय इसकी गति पूर्व के अनुमानित 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की तुलना में और अधिक 155 से 165 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है तथा इसके साथ कभी-कभी हवा की गति 180 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी।
11 जिलों में स्कूलों की छुट्टी : इस बीच इसके मद्देजनर तटवर्ती जिलों व्यापक एहतियाती उपाय किए गए हैं। तटवर्ती 11 जिलों के स्कूलों में आज और कल अवकाश की घोषणा कर दी गई है। तटवर्ती क्षेत्रों की सभी बस, रेल और विमान सेवाएं भी रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्वंय स्थिति पर करीबी नजर बनाए हैं। राज्य तथा केंद्र सरकार समन्वय के साथ काम कर रही हैं।
लगभग 408 तटवर्ती गांवों ओर निचले इलाकों से लोगों को स्थानांतरित करने का काम बुधवार को सुबह शुरू हो गया है। लगभग 3 लाख लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के तीनों अंगों को भी तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ की तीस से अधिक टुकड़ियां इन इलाको में तैनात हैं।
तूफान के मद्देनजर तटवर्ती इलाकों में भारी वर्षा की आशंका भी व्यक्त की गई है। समुद्र तटों पर लोगों को नहीं जाने की सलाह दी गई है। उधर तटवर्ती इलाकों समेत राज्य के कई स्थानों पर आज बादलयुक्त वातावरण है और कई स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई है। समुद्र तट पर ऊंची लहरें उठ रही हैं।
तटरक्षक दल के कमांडर नवतेजसिंह ने बताया कि अगले 50 से 60 घंटे गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान सबको सतर्क रहने की जरूरत है। यह तूफान गुरुवार को वेरावल तट से होकर शुक्रवार को द्वारका पहुंचेगा और फिर राज्य से दूर निकल जाएगा।