Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चक्रवात जवाद का असर, पश्चिम बंगाल में भारी बारिश, सरकार की लोगों से अपील

हमें फॉलो करें चक्रवात जवाद का असर, पश्चिम बंगाल में भारी बारिश, सरकार की लोगों से अपील
, रविवार, 5 दिसंबर 2021 (15:54 IST)
कोलकाता। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 180 किमी दूर केंद्रित चक्रवाती तूफान जवाद की वजह से कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य दक्षिणी हिस्सों में रविवार को बारिश हुई। इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने हुगली नदी पर नौका सेवाएं रोक दी और पर्यटकों से समुद्र किनारे स्थित रिसॉर्ट्स में नहीं जाने का आग्रह किया है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि चक्रवाती तूफान दिन में कमजोर पड़ने से पहले पश्चिम बंगाल तट की ओर उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा।
 
एक अधिकारी ने कहा, 'चक्रवात के ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल की ओर उत्तर एवं उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ने और एक निम्न दबाव क्षेत्र विकसित होने की संभावना के साथ, कोलकाता, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, और पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा शुरू हो गई है।'
 
उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के तटीय क्षेत्रों और पूर्व वर्द्धमान के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण बंगाल के कुछ अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होगी। राज्य प्रशासन ने पर्यटकों से सप्ताहांत में समुद्र तटीय रिसॉर्ट जैसे दीघा, मंदारमणि, बक्खाली, फ्रेजरगंज और अन्य तटीय क्षेत्रों में नहीं जाने को कहा है।
 
हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के साथ कि पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान नहीं आएगा, पर्यटकों को पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा और दक्षिण 24 परगना के बक्खाली में पानी में उतरते और तड़के समुद्र की तस्वीरें लेते देखा गया, जिन्होंने वहां डेरा डाले हुए आपदा प्रबंधनकर्मियों की चेतावनी की अनदेखी की।
 
उत्तर 24 परगना और हुगली जिलों को जोड़ने वाली हुगली पर नियमित नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। आईएमडी ने अनुमान व्यक्त किया है कि तटीय क्षेत्रों में हवा की गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी, जब तूफान पश्चिम बंगाल के करीब पहुंचेगा।
 
पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाकों से करीब 17,900 लोगों को निकाला है और दोनों जिलों में 48 राहत केंद्र खोले हैं। प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 115 बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रय स्थल और 135 अतिरिक्त अस्थायी राहत शिविर भी खोले हैं।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

स्‍टडी में खुलासा: कोरोना मरीजों को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा