नई दिल्ली। भारत में 82 प्रतिशत से अधिक कार्यकारियों का मानना है कि उन्हें आगामी वर्ष में अपने साइबर सुरक्षा बजट में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है। ग्लोबल डिजिटल ट्रस्ट इनसाइट्स शीर्षक के इस सर्वे में वरिष्ठ कार्यकारियों से पूछा गया था कि अगले 12 से 18 महीनों में उनके संगठन के भीतर साइबर सुरक्षा को बदलने और बेहतर बनाने के लिहाज से क्या चुनौतियां और अवसर हैं।
पीडब्ल्यूसी के इस सर्वे के मुताबिक, संगठनों को प्रभावित करने वाले सभी प्रकार के जोखिमों में से प्रतिभागियों ने जिन 3 जोखिमों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला माना है उनमें नुकसान पहुंचाने वाला साइबर हमला, कोविड-19 का फिर से प्रकोप या स्वास्थ्य संबंधी कोई और जोखिम तथा नया भू-राजनीतिक तनाव।
ग्लोबल डिजिटल ट्रस्ट इनसाइट्स शीर्षक के इस सर्वे में वरिष्ठ कार्यकारियों से पूछा गया था कि अगले 12 से 18 महीनों में उनके संगठन के भीतर साइबर सुरक्षा को बदलने और बेहतर बनाने के लिहाज से क्या चुनौतियां और अवसर हैं।
इसमें कहा गया कि सर्वे में शामिल विभिन्न व्यवसायों के 82 प्रतिशत से अधिक कार्यकारियों ने अनुमान जताया है कि 2023 में साइबर सुरक्षा पर अधिक व्यय करने की जरूरत होगी। सर्वे में 89 प्रतिशत भारतीय अधिकारियों ने कहा कि उनके संगठन के साइबर सुरक्षा दल ने कारोबार के लिए उल्लेखनीय साइबर खतरे की पहचान की जिसे उन्होंने विफल दिया और परिचालन को प्रभावित होने से बचा लिया। विश्व स्तर पर यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है।
पीडब्ल्यूसी के एक बयान में कहा गया कि 83 प्रतिशत भारतीय कार्यकारियों ने कहा कि उनके संगठन की साइबर सुरक्षा टीम ने आपूर्ति श्रृंखला जोखिम प्रबंधन में सुधार किया है। इस सर्वे में 65 देशों के 3,522 प्रतिभागी शामिल हुए तथा 103 अधिकारी भारत से थे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta