लखनऊ। देश अभी चक्रवात ताऊते से उबरा भी नहीं था कि अब नए चक्रवात 'यस' देश के सामने चुनौती बनकर खड़ा है और मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 22 मई के बाद कभी भी यह चक्रवात तूफान के रूप में तब्दील हो सकता है जिसको लेकर देश में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।
उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उठने वाले इस तूफान से निपटने के लिए पूर्वी तट पर व्यापक उपाय शुरू कर दिए गए हैं।तटरक्षक डोर्नियर विमानों और जहाजों,चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
लेकिन इन सभी के बीच कानपुर के सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन पांडे ने दावा किया है कि यस आ जरूर रहा है, लेकिन ताऊते जैसा शक्तिशाली नहीं होगा, इसलिए किसी भी प्रकार का कोई भारी नुकसान या तबाही की आशंका अभी तक नहीं है।
सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन पांडे ने बयान जारी करते हुए कहा है कि उत्तरी अंडमान सागर और इसके आसपास के पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना है।इससे बादल घने होने लगे हैं। ये 23 मई को तूफान में तब्दील हो सकता है।26 मई की सुबह ओडिशा व पश्चिम बंगाल के सामने पहुंचने की आशंका है।यह ताऊते जितना भीषण नहीं होगा, लेकिन इसमें भी 100 किमी की गति से हवाएं चलेंगी।
चिकित्सा टीम और एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर : हालांकि भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू है, फिर भी समुद्र में काम कर रहे मछुआरों को मौसम की चेतावनी प्रसारित करके उन्हें निकटतम बंदरगाह पर लौटने के निर्देश दिए जा रहे हैं। आईसीजी ने संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से बंदरगाह में मौजूद मछली पकड़ने वाली नौकाओं का लेखा-जोखा रखने का अनुरोध किया है।
संभावित चक्रवात 'यस' को देखते हुए तटरक्षक डोर्नियर विमानों और जहाजों, तटरक्षक आपदा राहत दल (डीआरटी), हवा से फूलने वाली नावों को आपदा प्रतिक्रिया कार्य शुरू करने के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है। चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को भी तेजी से जुटाने के लिए तैयार रखा गया है।