नई दिल्ली। दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने की वजह से कच्चा तेल अब सस्ता मिल रहा है। इससे भारत समेत कई देशों को राहत मिली है।
अमेरिका के एनर्जी इन्फर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी ईआए ने बताया कि डॉलर के कमजोर होने का सीधा फायदा बड़ी मात्रा में तेल खरीदने वाले देशों को होने वाला है। अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि भारत-चीन जैसे एशियाई देशों के लावा यूरोज़ोन के देशों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा।
एक जून से 12 अगस्त के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में 19% की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ईआईए के अनुमान के मुताबिक डॉलर के मुकाबले यूरो की कीमत बढ़ने की वजह से यूरो में ये बढ़ोतरी 12% ही हुई है। बीते कुछ महीनों से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम और डॉलर के दाम विरोधी दिशाओं में बढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल का कारोबार अमेरिकी डॉलर में ही होता है, इस वजह से उन देशों को ये तेल सस्ता पड़ रहा है जिनकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई है।