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इंदौर में अब डर लगता है, 23 IPS की कमिश्‍नरी में ये कैसा जीरो टॉलरेंस?

ओवरटेक को लेकर ट्रांसपोर्ट कारोबारी की हत्‍या, फिर इंजीनियर को चाकूओं से गोदा, अब कुत्‍ते के विवाद में 2 हत्‍याएं

हमें फॉलो करें Crime in Indore
, शनिवार, 19 अगस्त 2023 (13:40 IST)
Crime in Indore:  देश के सबसे स्‍वच्‍छ शहर इंदौर में शायद अब आपको डर लगे। वजह है छह दिनों में चार हत्‍याएं। अगर इन हत्‍याओं के पीछे की वजह देखें तो यह बहुत मामूली से विवाद हैं। इंदौर में खजराना में की हुई दो हत्‍याओं में पालतू कुत्‍ते को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें एक गुस्‍सैल गार्ड ने दो लोगों को गोली मारकर हत्‍या कर दी। इसके पहले इंदौर के एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी दीपक सौंधिया को इसलिए चाकू से मार दिया, क्‍योंकि कार ओवर टेक करने को लेकर विवाद हुआ था। ठीक इसी हफ्ते अतुल जैन को चाकुओं से गोदकर इसलिए मार दिया गया, क्‍योंकि कार चलाते वक्‍त मामूली कहा-सुनी हो गई थी।

यह कोई पहली दफा नहीं है, जब इंदौर में एक के बाद एक हत्‍याओं की घटनाएं हुईं हो। इसके पहले जुनी इंदौर थाना क्षेत्र के लोहामंडी में ट्रांसपोर्ट व्‍यापारी सचिन शर्मा की जघन्‍य हत्‍या कर दी गई थी। 5 घंटे में 2 हुई इन दो हत्‍याओं से इंदौर सिहर उठा था।

दूसरी तरफ कमिश्‍नर सिस्‍टम में अधिकारी क्राइम में जीरो टॉलरेंस लागू करने की बात कर रहे हैं, अगर पुलिस का यही जीरो टॉलरेंस है तो फिर ये हत्‍याएं हैरान करने वाली हैं। दरअसल, इंदौर में डर लगने को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्‍योंकि यह देश का सबसे स्‍वच्‍छ शहर है। इंदौर को स्‍मार्ट सिटी बनाने की कवायद जोरों से चल रही है।

सड़क छाप गुंडे कर रहे बेखौफ हत्‍याएं : दरअसल, शहर में बढते अपराध को लेकर लगातार इंदौर पुलिस और कमिश्‍नर सिस्‍टम पर सवाल उठ रहे हैं। इंदौर और भोपाल में साल 2021 में इसलिए कमिश्‍नरी लागू की गई थी कि यहां बढ़ते अपराधों पर लगाम कसी जा सके, लेकिन कमिश्‍नर प्रणाली में 23 आईपीएस अधिकारी तैनात होने के बाद भी इंदौर में अपराधी बेखौफ हैं। आलम यह है कि छुटभैये गुंडे और नाइट्रावेट का नशा करने वाले नशेडी हत्‍याओं को अंजाम दे रहे हैं, जिसमें शहर के आम और पढ़े-लिखे नागरिकों की मौतें हो रही हैं।

पुलिस का ये कैसा जीरो टॉलरेंस : पर्स छीनना। चैन स्‍नैचिंग। मोबाइल झपटना और छोटी सी बात पर हत्‍या कर देना मध्‍यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्‍वच्‍छ शहर इंदौर में यह आम बात हो गई है। वहीं पुलिस के आला अधिकारी इंदौर में क्राइम को लेकर जीरो टॉलरेंस का दावा कर रहे हैं। अतिरिक्‍त पुलिस कमिश्‍नर मनीष कपूरिया ने वेबदुनिया को चर्चा में बताया था कि पुलिस इंदौर में अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस अपना रही है। लेकिन शहर के छोटे मोटे नशेड़ी भी पूरे पुलिस अमले का मुंह चिढ़ा रहे हैं।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार अफसर?
अतिरिक्‍त पुलिस कमिश्‍नर (लॉ एंड ऑर्डर और ट्रैफिक) मनीष कपूरिया ने वेबदुनिया को चर्चा में बताया कि इन हत्‍याओं के मामलों में हमने अपराध पंजीबंद्ध किए हैं। आरोपियों की तलाश की जा रही है। जहां तक कमिश्‍नरी सिस्‍टम पर उठने वाले सवाल और इंदौर में अपराधों के ग्राफ की बात है तो हम इसे लेकर जीरो टॉलरेंस पर हैं। नाइट्रावाइट और दूसरे तरह के नशों का सेवन करने वालों की भी पुलिस समय समय पर सर्चिंग और चैकिंग करती है।
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हाथ से निकल रहा नाइट कल्‍चर : वेबदुनिया की टीम ने हाल ही में शुक्रवार और शनिवार की आधी रात में शहर के कई हिस्‍सों में दौरा किया, और पुलिस की चाक चौबंद व्‍यवस्‍थाओं को देखना चाहा तो जो हकीकत सामने आई वो चौंकाने वाली थी। बीआरटीएस समेत शहर के कुछ प्रमुख स्‍थानों पर कहीं कोई पुलिस जवान नजर नहीं आया। न कहीं कोई तैनाती थी और न ही कोई चेक पोस्‍ट। देर रात नशा करने वाले तेज स्‍पीड में बाइक्‍स दौड़ाते नजर आते, चिल्‍लाते नजर आते हैं, लेकिन उन्‍हें रोकने वाला कोई नजर नहीं आया। बता दें कि नाइट कल्‍चर में कई क्‍ल्‍ब्‍स और पब से नौजवान नशे में झूमते हुए सडकों पर निकलते हैं, कई बार विवाद होते हैं तो कई बार वे आने जाने वाले आम लोगों के साथ बदसलूकी करते हैं। ऐसे में विवाद होने की पूरी आशंका रहती है। शुक्रवार की रात को ही तेज स्‍पीड सवार कार चालकों ने बायपास पर दो बाइक सवारों को पीछे से टक्‍कर मार दी, जिसमें एक शख्‍स की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

कमिश्‍नरी का क्‍या फायदा : बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इंदौर में कमिश्नरी सिस्‍टम (Commissionerate System in Indore) इसलिए लागू किया गया था ताकि इंदौर में बढ़ते क्राइम के ग्राफ पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन कमिश्‍नरी लागू होने के बाद भी इंदौर में लगातार अपराध की (Crime) सनसनीखेज घटनाएं सामने आ रही हैं। सरेआम हत्‍याएं हो रही हैं। इसके कुछ महीनों पहले 30 दिनों में 9 हत्‍याओं (Murder) से पूरे शहर में दहशत छा गई थी। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कमिश्‍नर सिस्‍टम का क्‍या फायदा है, जब सरेआम और छोटे-मोटे विवाद में भी आम लोगों की हत्‍याएं कर दी जा रही है। 
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इंदौर में 2021 में लागू हुआ था कमिश्‍नर सिस्‍टम : प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj singh chouhan) ने 21 नवंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद 9 दिसंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू की गई। कमिश्‍नरी लागू होने के बाद दोनों शहरों में पूरी पुलिस अमले में बदलाव किया गया था। मकसद यह था कि कमिश्‍नरी प्रणाली लागू होने के बाद इंदौर और भोपाल में क्राइम के ग्राफ को नीचे लाया जा सके।
Edited By navin rangiyal

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