Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Gambia cough syrup deaths : जांच के लिए भेजे गए कफ सीरप के सैंपल, 2 दिन के भीतर आ सकती है रिपोर्ट

हमें फॉलो करें cough syrup
, गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022 (23:51 IST)
नई दिल्ली। भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित कफ सीरप से गांबिया में कथित रूप से बच्चों की मौत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलर्ट के बाद सरकार ने गुरुवार को कहा कि कफ सीरप के नमूने भारत के औषधि महानियंत्रक डीसीजीआई को जांच के लिए भेजे गए हैं। जिसकी रिपोर्ट 2 दिन के भीतर आ सकती है। इसके नतीजों से आगे की कार्रवाई में मदद मिलेगी।

डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं।

डीसीजीआई ने इस संबंध में पहले ही जांच शुरू कर दी है और डब्ल्यूएचओ से विस्तृत ब्योरा मांगा है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा कि कंपनी द्वारा निर्मित चार तरह के कफ सीरप के नमूनों को जांच के लिए कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) में भेजा गया है।

विज ने कहा, नमूनों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एकत्र किया और इसे कोलकता स्थित सीडीएल को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के औषध विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) से बात की है।

विज ने कहा कि कंपनी द्वारा उत्पादित कफ सीरप को निर्यात के लिए मंजूरी दी गई थी और यह देश में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। विज ने कहा, सीडीएल की रिपोर्ट आने के बाद जो भी कदम उठाना होगा वह उठाया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही हमलोग किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मौत के सटीक कारण डब्ल्यूएचओ द्वारा ना तो उपलब्ध कराए गए हैं और ना ही दवा और इसके लेबल का ब्योरा केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ साझा किया गया है ताकि उत्पादन के स्रोत की पुष्टि हो सके।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को डीसीजीआई को सूचित किया था कि वह वर्तमान में तकनीकी सहायता और गांबिया को परामर्श उपलब्ध करा रहा है, जहां बच्चों की मौत का संभावित कारण ग्लाइकोल/एथीलीन ग्लाइकोल से युक्त दूषित दवाओं का इस्तेमाल हो सकता है जिनके नमूनों की जांच (हाल में डब्ल्यूएचओ द्वारा किए गए विश्लेषण में इसकी पुष्टि की गई है) में इसकी मात्रा मिली।

सीडीएससीओ ने तत्काल हरियाणा राज्य नियामक प्राधिकरण के समक्ष यह मामला उठाया जिसके तहत सोनीपत में दवा कंपनी मेसर्स मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड स्थित है। बयान के अनुसार, राज्य नियामक, हरियाणा के साथ मिलकर मामले में तथ्यों/विस्तृत जानकारी को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत जांच शुरू की गई है।

बयान के अनुसार, प्राथमिक जांच के आधार पर कहा गया है कि राज्य औषधि नियंत्रक से लाइसेंस प्राप्त सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड’ ने संदर्भित दवाओं प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन बीपी, कोफेक्सनालिन बेबी कफ सीरप, माकॉफ बेबी कफ सीरप और मैग्रिप एन कोल्ड सीरप का उत्पादन किया। कंपनी ने इन दवाओं का उत्पादन किया और इनका निर्यात केवल गांबिया को किया।

यह एक सामान्य चलन है कि आयात करने वाला देश गुणवत्ता मानकों पर इन आयातित उत्पादों का परीक्षण करता है, और आयात करने वाला देश उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के बाद संतुष्ट होने पर ही उपयोग के लिए ऐसे उत्पादों को जारी करने का निर्णय लेता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा प्राप्त अस्थाई परिणामों के अनुसार, जिन 23 नमूनों का परीक्षण किया गया था, उनमें से चार नमूनों में डायथिलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा यह भी सूचित किया गया है कि विश्लेषण का प्रमाण पत्र निकट भविष्य में डब्ल्यूएचओ को उपलब्ध कराया जाएगा और डब्ल्यूएचओ इसे भारतीय नियामक के साथ साझा करेगा जो अब तक किया जाना बाकी है। बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा सीडीएससीओ को मृत्यु का सटीक कारण अब तक नहीं बताया गया है।

एक मजबूत राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण के रूप में सीडीएससीओ ने डब्ल्यूएचओ से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द सीडीएससीओ के साथ संबंधित चिकित्सा उत्पादों आदि से मृत्यु के संभावित कारण के संबंध पर रिपोर्ट साझा करे।Edited by Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Uttarkashi Avalanche : 12 और शव बरामद, अब तक 16 की मौत, 15 पर्वतारोही अब भी लापता, टीम लीडर ने बताया कितना भयावह था मंजर