दिल्ली/ कोच्चि/ मुंबई। चीन (China) से हाल के दिनों में भारत लौटे सैकड़ों लोगों में से 11 को घातक कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमण (Infection) की जांच के लिए अस्पतालों में निगरानी में रखा गया है। इनमें से 7 केरल में, 2 मुंबई में और एक-एक हैदराबाद तथा बेंगलुरु में हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केरल में अधिकारियों ने बताया कि 73 लोगों की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा रही है कि कहीं ये लोग कोरोना वायरस से तो प्रभावित नहीं हुए हैं। दरअसल, चीन में कोरोना वायरस से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गए हैं।
दिल्ली और मुंबई के अलावा कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि समेत 7 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चीन और हांगकांग से लौटे 20000 से अधिक यात्रियों की थर्मल जांच की गई। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं, ताकि श्वसन संक्रमण के किसी भी संदिग्ध मामले में उपचार प्रदान किया जा सके।
तिरुवनंतपुरम में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों के राजकीय अस्पतालों में 7 लोगों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकार ने उन लोगों को, जिनकी घरों में निगरानी की जा रही है, सलाह दी है कि वे चीन से आने की तारीख से 28 दिनों तक घरों में ही रहें। चीन में इस वायरस के कारण 26 लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, चीन से लौटे 2 लोगों को मुंबई के एक अस्पताल में रखा गया है, जबकि एक व्यक्ति को हैदराबाद के एक अस्पताल में रखा गया है। हालांकि देश में अभी तक इससे संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। अधिकारी ने कहा कि 24 जनवरी तक चीन से 96 उड़ानों में आए कुल 20,844 यात्रियों की हवाई अड्डों पर जांच की गई है।
उन्होंने बताया कि चीन में भारतीय दूतावास द्वारा उपलब्ध जानकारी के आधार पर, वुहान से हाल ही में लौटे करीब 25 छात्रों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। मुंबई में अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 19 जनवरी से 1,789 यात्रियों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच (थर्मल स्क्रीनिंग) हो चुकी है।
इनमें से 2 यात्रियों को कस्तूरबा अस्पताल में एहतियातन भर्ती कराया गया है। इस विषाणु से संक्रमण का पहला मामला चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से सामने आया था। चीन में कोरोना वायरस के मद्देनजर बृह्ममुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के कस्तूरबा अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया गया है।
बीएमसी में कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मजा केस्कर ने बताया, ऐसे लोगों के निदान और उपचार के लिए एक अलग वार्ड बना दिया गया है, जिनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है। केस्कर ने बताया कि निकाय के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चीन से यहां आए 2 लोगों को निगरानी में रखा है। उन्हें हल्का जुकाम है और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर नियुक्त डॉक्टरों से कहा गया है कि चीन से आने वाले किसी भी यात्री के अगर कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें इस वार्ड में भेजने को कहा गया है। निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को भी चीन से लौटे और इस तरह के लक्षण वाले लोगों का पता चलने पर उन्हें इस वार्ड में भेजने को कहा गया है। कस्तूरबा अस्पताल सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस बारे में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कस्तूरबा अस्पताल के अलावा पुणे के नायडू अस्पताल में भी अलग वार्ड बनाया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति में बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, हांफने जैसे लक्षण नजर आते हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, दिल्ली या भारत में कहीं से भी आने वाले कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की देखभाल और इलाज के लिए हमारे यहां एक अलग वार्ड बनाया गया है।
उन्होंने कहा, संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा की खातिर उपकरणों समेत सभी ऐहतियाती उपाय किए गए हैं। गुलेरिया ने कहा कि प्रबंधन और संक्रमण नियंत्रण सुविधा के लिए अस्पताल की तैयारियों की भी समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हमारे पास अलग वार्ड को बढ़ाने और ऐसे मरीजों के इलाज की सुविधा है। एम्स निदेशक के मुताबिक, इस खतरनाक विषाणु से निपटने के लिए फिलहाल कोई तय इलाज, एंटीबायोटिक या दवा उपलब्ध नहीं है और सिर्फ निमोनिया उपचार में सहायक इलाज ही किया जाता है।