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उप्र में कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर अकेले लड़ने का किया ऐलान

हमें फॉलो करें उप्र में कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर अकेले लड़ने का किया ऐलान
, रविवार, 13 जनवरी 2019 (18:20 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने रविवार को राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया, मगर उसने गठबंधन के दरवाजे अब भी खुले रखते हुए कहा है कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी कांग्रेस के साथ चलने को तैयार हो तो उसे अवश्य समायोजित किया जाएगा।
 
 
कांग्रेस के उत्तरप्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और भाजपा को हराएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में मिली सीटों से दोगुनी सीटें जीतेगी। 
 
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस अब किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी? आजाद ने कहा कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष दल हमारे साथ चलने को तैयार है और कांग्रेस यह समझे कि वह भाजपा से लड़ सकता है तो उसे जरूर समायोजित किया जाएगा।
 
सपा-बसपा गठबंधन में शामिल नहीं किए जाने के बारे में पूछने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वे चाहते थे कि उत्तरप्रदेश में बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल हो लेकिन अगर कोई साथ नहीं चलना चाहता है तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। 
 
आजाद ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि महागठबंधन ने कांग्रेस से तालमेल नहीं होने के बावजूद उसके लिए अमेठी और रायबरेली की सीटें छोड़ दी हैं तो क्या उसके एवज में कांग्रेस मायावती और अखिलेश की उम्मीदवारी वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी? चुनाव के बाद सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल पर आजाद ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस सभी धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियों का स्वागत करेगी।
 
उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में जगह नहीं मिलने से कांग्रेस के कार्यकर्ता कतई निराश नहीं हैं, बल्कि वे कह रहे हैं कि पहले शायद 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ते, मगर अब 80 सीटों पर लड़ेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सूबे में कम से कम 13 सभाएं करेंगे।
 
आजाद ने भाजपा पर सत्ता के लिए देश को तोड़ने की कोशिश करने और जनता से किए गए तमाम वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव भारत को एकजुट करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की लड़ाई है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की नहीं, अपनी कुर्सी की फिक्र है। इस सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। सबसे बड़े घोटाले इसी सरकार के शासनकाल में हुए हैं। सरकार ने इसकी जांच नहीं कराई। जांच नहीं कराने का मतलब यह नहीं है कि घोटाला नहीं हुआ।
 
आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने देश के लिए हमेशा त्याग किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शेख अब्दुल्ला को शक्ति देने और मिजोरम में उग्रवाद खत्म करने के लिए सत्ता त्यागने के उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबों, किसानों, पिछड़ों और दलितों के हितों की लड़ाई तो आजादी से पहले ही शुरू कर दी थी। उसके बाद भी कांग्रेस लगातार इसी विचारधारा पर चली है।

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