उदयपुर। कांग्रेस के 3 दिवसीय चिंतन शिविर के पहले दिन शुक्रवार को पार्टी में कई बड़े सुधारों को लेकर चर्चा हुई जिनमें 'एक परिवार, एक टिकट' की व्यवस्था को लागू करने पर मुख्य रूप से मंथन किया गया। इस व्यवस्था के साथ यह प्रावधान भी जुड़ा है कि परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने पार्टी के लिए कम से कम 5 साल तक काम किया हो।
'नवसंकल्प चिंतन शिविर' की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 'विशाल सामूहिक प्रयासों' के माध्यम से पार्टी में नई जान फूंकने का आह्वान करते हुए कहा कि असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उनके 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब कुछ और नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना एवं राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार की नीतियों के चलते देश में निरंतर ध्रुवीकरण की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के जो नारे दिए जाते हैं उनका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण और लोगों को डर एवं असुरक्षा के माहौल में रहने के लिए मजबूर करना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने, उनका उत्पीड़न करने और अक्सर उन्हें कुचलने से है जो हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और हमारे गणराज्य के बराबर के नागरिक हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार के 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है। संगठन में बड़े सुधारों की पैरवी करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं।
उन्होंने कहा कि मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है। वह सामूहिक विशाल प्रयास न टाले जा सकते हैं, न टाले जाएंगे। सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया कि हमारे लंबे और सुनहरे इतिहास में आज ऐसा समय आया है जब हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन के हित के अधीन रखना होगा। पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। मैं समझती हूं कि इससे आवश्यक कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं आप सबसे आग्रह करती हूं कि अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि संगठन की विभिन्न समितियों में युवाओं के लिए 50 प्रतिशत जगह आरक्षित करने, स्थानीय स्तर पर मंडल समितियां बनाने, पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन इकाई बनाने और एक पद पर किसी व्यक्ति के लगातार 5 साल से ज्यादा नहीं रहने की व्यवस्था तय करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन के अनुसार कि ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनाने का प्रस्ताव आया है। यह सुझाव आया है कि हर ब्लॉक समिति के तहत 3 से 5 मंडल समितियां बननी चाहिए। हर मंडल समिति के तहत 15 से 20 बूथ आएंगे। इस विषय पर शिविर में चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है। इस पर सहमति बन रही है। इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम 5 साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले। अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने 5 साल देने होंगे।
कांग्रेस के 'एक परिवार, एक टिकट' के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की स्थिति में गांधी-नेहरू परिवार से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाद्रा के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। इसके साथ ही, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि वैभव पिछले कई वर्षों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं।
माकन ने बताया कि यह सुझाव भी है कि कोई भी व्यक्ति किसी पद पर 5 साल से ज्यादा समय तक नहीं रहे। अगर उसे 5 साल से ज्यादा समय तक पद पर रहना है तो उसके लिए 3 साल का 'कूलिंग पीरियड' हो और फिर वह उस पद पर आ सके। माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में "पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट' बनाने का भी प्रस्ताव है।
माकन ने कहा कि यह अक्सर कहा जाता है कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करता है उसे ईनाम नहीं मिलता। इसको लेकर एक मापदंड तय करने के लिए अलग से आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बनाने पर सहमति बन रही है। इसके तहत यह सुझाव है कि जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको पदोन्नति दी जाए और जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं कि उनको पद पर न रखा जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर समिति में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। चिंतन शिविर में गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा और 'जी 23' के कई नेता शामिल हुए, हालांकि इस समूह के एक अन्य प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल इस आयोजन में शामिल नहीं हुए हैं।(फ़ाइल चित्र)