पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पूरी दुनिया में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि अरबपतियों को अपने करों का उचित हिस्सा अवश्य चुकाना चाहिए। यह उस ब्राज़ील द्वारा प्रस्तावित है जिसके पास अभी जी20 की वार्षिक और रोटेशनल अध्यक्षता है। फ्रांस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी ने भी इसका समर्थन किया है। दुनिया अरबपतियों पर दो प्रतिशत संपत्ति कर लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।'
उन्होंने कहा कि अगर भारत में अरबपतियों पर संपत्ति कर लगाया जाता है तो इससे हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। इसका उपयोग स्कूलों, अस्पतालों, नवीकरणीय ऊर्जा और कई अन्य आवश्यक निवेश के लिए किया जा सकेगा।
उनका कहना था कि भारत में 167 अरबपति हैं। दो प्रतिशत संपत्ति कर के हिसाब से हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये जमा होंगे जो हमारी जीडीपी का लगभग 0.5 प्रतिशत है। इससे भविष्य में हमारे देश के स्कूलों, अस्पतालों, नवीकरणीय ऊर्जा और कई अन्य आवश्यक निवेश के लिए भुगतान किया जा सकता है।
उन्होंने सवाल किया, इस अरबपति कर पर नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री का रुख क्या है? इस महीने के अंत में रियो दी जिनेरियो में जी20 की बैठक में जब इस पर चर्चा होगी तो भारत का रुख क्या होगा?
उन्होंने जो खबर साझा की उसमें कहा गया है कि कई देशों के पूर्व राष्ट्रपतियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों ने जी20 के सदस्य देशों के नेताओं को लिखे खुले पत्र में अरबपतियों पर यह कर व्यवस्था लागू करने के बारे में चर्चा करने का सुझाव दिया है।