नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा में चूक का मामला शुक्रवार को भी गरमाया रहा। इस मामले में भाजपा और कांग्रेस में सियासी जंग छिड़ गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री के काफिले के पास भाजपा कार्यकर्ता दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि पीएम की सुरक्षा देश का कर्त्तव्य है और देश की सुरक्षा पीएम की जिम्मेदारी। मगर सवाल ये है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को पीएम के इतना नजदीक क्यों आने दिया और अगर आने दिया, तो फिर पंजाब को बदनाम क्यों किया गया?
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में बुधवार को सड़क मार्ग से जाते समय सुरक्षा में गंभीर चूकहोने के कारण एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। दरअसल, कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते, उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया।
इस मामले में पंजाब की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सीएम चन्नी से कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मामले में पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और पूरे तरीके से बंदोबस्त किया जाना चाहिए।
सीएम चन्नी ने बताया कि अंतिम समय में पीएम के कार्यक्रम में बदलाव हुआ था। पीएम मोदी को हेलीकॉप्टर से जाना था, लेकिन अचानक उनका सड़क मार्ग से जाने का प्लान बन गया। इसमें पुलिस की कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी जिस जगह रास्ता रोककर बैठे थे, वहां से एक किलोमीटर पहले ही पीएम का काफिला रोक दिया गया था?
मामले पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट : इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित सभी रिकॉर्ड संरक्षित करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने पंजाब, उसकी पुलिस तथा केन्द्रीय एजेंसियों को सभी रिकॉर्ड उच्च न्यायालय के अधिकारी को देने का निर्देश दिया। अदालत ने खामियों की जांच के लिए केन्द्र और पंजाब सरकार द्वारा गठित अलग-अलग समितियों को सोमवार तक कोई कार्रवाई ना करने को कहा।