नई दिल्ली। कांग्रेस ने पाटी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तब यह इस्तीफा हुआ है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है। कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि यह अत्यंत दुख की बात है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तो उस समय यह त्यागपत्र आया। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते थे कि आजाद जैसे वरिष्ठ नेता विपक्ष और जनता की आवाज को बल देंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया।
इस बीच G-23 के अहम सदस्य रहें संदीप दीक्षित ने गुलाम नबी आजाद को चिठ्ठी लिखकर कहा है कि सुधार मांगा था बगावत नहीं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंदिरा गांधी जी के वक्त से गुलाम नबी आजाद इनर कैबिनेट के सदस्य थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत करीब थे। यह बड़े अफसोस की बात है कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आजाद का इस्तीफा पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा से कुछ दिन पहले आया है।