नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी किए जाने से संबंधित कथित घोटाले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। यह कथित घोटाला उस समय हुआ, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम गृहमंत्री थे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि संघीय एजेंसी ने इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हालिया प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत अपना मामला दर्ज किया है।
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला कार्ति और उनके करीबी एस भास्कररमन को वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पॉवर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा 50 लाख रुपए की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है। टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रहा थी।
उन्होंने कहा कि ईडी अपराध से हुई उन संभावित आमदनी की जांच करेगा, जो कथित अवैध गतिविधि से मिली हो। उन्होंने कहा कि जांच के तहत आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि अगर यह उत्पीड़न नहीं है, व्यक्ति विशेष के खिलाफ कार्रवाई नहीं है, तो क्या है?
कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने तलवंडी साबो पॉवर लिमिटेड प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों के लिए रिश्वत लेकर वीजा जारी कराया था। इस मामले में सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है। इसी सिलसिले में 17 मई को कार्ति चिदंबरम के चेन्नई, मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब 9 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा था।