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चुप रहिए... चुप रह... भजनलाल के मंत्री पर भड़के कांग्रेस MLA रोहित बोहरा

राजस्थान की राजाखेड़ा सीट से कांग्रेस विधायक हैं रोहित बोहरा

हमें फॉलो करें Rohit Bohra

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 24 जनवरी 2024 (14:18 IST)
  • सदन में क्यों भड़के रोहित बोहरा?
  • सदन में निर्मित हुई अप्रिय स्थिति
  • विधानसभा अध्यक्ष भी हुए नाराज
Congress MLA Rohit Bohra News: राजस्थान विधानसभा में उस समय बड़ी ही विचित्र स्थिति निर्मित हो गई, जब राजाखेड़ा सीट से कांग्रेस विधायक मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल पर बुरी तरह भड़क है। सदन में तू-तड़ाक जैसी स्थिति बन गई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी इस दौरान नाराज हो गए।

दरअसल, राजस्थान विधानसभा में पहले पेपर लीक मामले में फिर कलाम कोचिंग का नाम लेने पर काफी हंगामा हुआ। हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने दोनों ही पक्षों (सत्त पक्ष और विपक्ष) को फटकार लगाई। बाद में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो गई।

कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा के संबोधन के दौरान भजनलाल शर्मा के मंत्री जोगाराम पटेल ने टोकाटोकी शुरू कर दी। इस पर रोहित बोहरा भड़क गए। उन्होंने पहले तो चुप रहिए... चुप रहिए... कहा लेकिन फिर भी मंत्री नहीं रुके तो उन्होंने सीधे चुप रह.. बोल दिया। बोहरा ने कहा कि आप बीच में मत बोलिए, आप मंत्री हो सकते हैं, लेकिन आपको बीच में बोलने का अधिकार नहीं है। इस पर सदन में काफी देर हंगामा चला।

बोहरा को ऐसे शब्दों (चुप रह) का प्रयोग करने पर सदन में सभी लोग सन्न रह गए। सत्ता पक्ष के लोगों ने बोहरा के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बड़ी मुश्किल से शांत करवाया।

शून्यकाल में बोहरा ने राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 5000 युवाओं का रोजगार छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि युवा मित्रों को इसलिए हटाया गया क्योंकि उनके नाम के आगे राजीव गांधी का नाम जुड़ा हुआ था। इन्हें राजीव गांधी के नाम से तकलीफ है।

अभिभाषण में सिर्फ कटाक्ष : राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा ने विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण को विजन विहीन बताते हुए कहा कि नवनिर्वाचित सरकार ने राज्यपाल से अभिभाषण में जो पढ़ाया वो सरकार का विजन नहीं होकर सिर्फ पिछली कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष और छींटाकशी था। उन्होंने कहा कि यह आज तक नहीं हुआ है और आशा है आगे कभी नहीं होगा, इससे राज्यपाल के पद की गरिमा भी तार-तार हुई है। उन्होंने कहा कि नई सरकार ने राज्यपाल से सिर्फ उतना ही पढ़ाया जितना दिल्ली से उनके पास आया।

डोटासरा ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार को नकारना ठीक परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के अच्छे आर्थिक प्रबंधन की वजह से राजस्थान की विकास दर 11.6 प्रतिशत थी। सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को 9 लाख करोड़ से 15 लाख करोड़ पहुंचाने का काम किया। उन्होंने महंगाई राहत कैंप, 450 रुपए में गैस सिलेंडर, किसान कर्जमाफी, 3 लाख रोजगार, पुरानी पेंशन समेत कई जनकल्याण के काम सदन में गिनाए। (वेबदुनिया/एजेंसी)

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