नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत समेत पार्टी की कई महिला नेताओं ने बुधवार को मिट्टी का चूल्हा, लकड़ी और गैस सिलेंडर के साथ मीडिया से बात की और सरकार से आग्रह किया कि रसोई गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को वापस लेकर आम गृहिणियों को राहत प्रदान की जाए।
सुप्रिया ने यह आरोप भी लगाया कि गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपए की ताजा बढ़ोतरी नरेंद्र मोदी सरकार का 'अनैतिक और असंवेदनशील' फैसला है। उनके साथ कांग्रेस नेता अलका लांबा, अमृता धवन और राधिका खेड़ा ने भी रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र पर निशाना साधा।
सुप्रिया ने कहा कि रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी अनैतिक और असंवेदनशील है। दिल्ली में 860 रुपए का सिलेंडर का बिक रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से ये सिलेंडर 600 रुपए का बिकना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार इसे 860 रुपए का बेच रही है। देश के कई हिस्सों में इसकी कीमत 1,000 रुपए को पार कर गई है। उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के समय 1.47 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन इस सरकार ने इस सब्सिडी घटाकर 12,000 करोड़ रुपए कर दिया है जिस वजह से लोगों को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों से राहत नहीं मिल पा रही है।
सुप्रिया ने कहा कि उज्ज्वला योजना पर सीना ठोंकने वाली सरकार को पता होना चाहिए कि अब महिलाएं फिर से लकड़ी के ईंधन का उपयोग करने का विवश हैं। प्रधानमंत्री को अब महिलाओं के आंसू क्यों नजर नहीं आते? अलका लांबा ने आरोप लगाया कि जब वित्तमंत्री कहती हैं कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं हो सकते तो यह लोकतंत्र को सीधी चुनौती देना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कई स्थानों पर महिलाएं मिट्टी के चूल्हे खरीद रही हैं, क्योंकि वे गैस सिलेंडर के खर्च का वहन नहीं कर सकतीं। राधिका खेड़ा ने कहा कि सरकार को ये बढ़ी हुई कीमतें वापस लेनी चाहिए, क्योंकि जनता महंगाई के बोझ को सहन नहीं कर पा रही है।(भाषा)