जम्मू। हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। नबी मोदी को जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताते हुए कहा है कि लोगों को उनसे सीखना चाहिए कि कामयाबी की बुलंदियों पर जाकर भी कैसे अपनी जड़ों को याद रखा जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बचपन में चाय बेचने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी असलियत नहीं छिपाई।
आजाद ने जम्मू-कश्मीर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत से नेताओं की बहुत-सी बातें अच्छी लगती हैं। मैं खुद गांव का हूं और बहुत फक्र होता है। हमारे पीएम मोदी भी कहते हैं गांव से हैं, कहते हैं कि बर्तन मांजता था, चाय बेचता था, निजी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन जो अपनी असलियत नहीं छिपाते, यदि आपने अपनी असलियत छिपाई तो आप मशीनरी दुनिया में जी रहे होते हैं।
आजाद ने कहा कि हमें पहले जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति ठीक करनी होगी। विकास के काम को 3 गुना करना होगा। दिल्ली से 3-4 गुना ज़्यादा पैसा मिलना चाहिए। हमारे वक्त में बजट कम होता था लेकिन हम अलग-अलग चीजों में पैसे लेते थे। आज काम दिखाई नहीं दे रहा है और उद्योग बंद हैं।
गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की थी और यहां तक की उनसे जुड़ी एक घटना को याद करते हुए उनकी आंखें नम हो गई थीं। प्रधानमंत्री ने आजाद को सैल्यूट किया था। बाद में गुलाम नबी आजाद भी अपने भाषण में भावुक हो गए थे।
गुलाम नबी आजाद इन दिनों जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं। 27 फरवरी को ही जम्मू में गुलाम नबी के साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी इकट्ठा हुए थे। इन नेताओं के समूह को G-23 कहा जा रहा है। गुलाम नबी आजाद पार्टी के उन 23 नेताओं में प्रमुख चेहरा हैं जो संगठन चुनाव की मांग को लेकर मोर्चा खोल चुके हैं। एक दिन पहले ही इन नेताओं ने जम्मू में सभा की थी और कहा था कि वे कमजोर पड़ चुकी कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं।