नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को लेकर बुधवार को सरकार पर तीखा हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि जनता के हक की लड़ाई नरेंद्र मोदी सरकार को रास नहीं आ रही तथा जांच एजेंसियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा के अग्रिम संगठन के तौर पर व्यवहार कर रही हैं।
मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने से रोका जा रहा है। उसने यह भी कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी झुकने वाले नहीं हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यंग इंडियन एक गैरलाभकारी कंपनी है जिसमें कोई एक रुपए नहीं ले सकता। फिर धनशोधन कैसे हो सकता है?'
उन्होंने सवाल किया, 'क्या कभी ऐसा हुआ कि किसी दल के नेताओं को उनके मुख्यालय जाने से रोका गया? हमें सोचना पड़ेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है?'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा, 'ईडी की ओर से नोटिस कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाकर दिए गए...ये हरकत इन पर भारी पड़ेगी। जनता सब समझ चुकी है।'
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'भाजपा का राष्ट्रवाद आयातित राष्ट्रवाद है। ये लोग विरोध की आवाज को दबाते हैं। इन लोगों ने राहुल गांधी जी की आवाज दबाने की कोशिश की है, यह इन्हें बहुत मंहगी पड़ेगी।'
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई किसी जांच एजेंसी की तरह नहीं, बल्कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के अग्रिम संगठन की तरह काम कर रही हैं।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने आज देश के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, प्रजातांत्रिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और समावेशी विकास को संक्रमण काल के घनघोर अंधियारे में धकेल दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस विकट संकट में कांग्रेस का दीपक भाजपा के अंधियारे के खिलाफ उजाले की लड़ाई लड़ रहा है, दीपक का संकल्प है कि वो लड़ाई सूर्य की पहली किरण तक लड़ेगा, जब तक अंधेरे का अंत न हो, वो दीपक है- राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
सुरजेवाला ने कहा कि सत्ता संभालते ही जब मोदी सरकार किसानों की ज़मीन हड़पने का अध्यादेश लेकर आई, तब सड़क से सदन तक किसानों के लिए राहुल गांधी व कांग्रेस ने लोहा लिया तथा सरकार को झुकाया। सरकार को अध्यादेश वापस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समय राहुल गांधी न सिर्फ़ मोदी सरकार को आर्थिक तबाही को लेकर आगाह कर रहे थे, बल्कि नोटबंदी के घोटाले के खिलाफ सड़कों पर लड़ाई लड़ रहे थे। जब गलत जीएसटी को लागू किया गया तब भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत के उद्योग-धंधों और अर्थव्यवस्था की लड़ाई लड़ रहे थे।
सुरजेवाला के अनुसार, राहुल गांधी ने कोरोना संकट और कई अन्य प्रमुख मौकों पर सरकार को आगाह किया था, लेकिन सरकार ने अनसुना कर दिया।
उन्होंने जोर दिया कि देश की जनता के हक की लड़ाई मोदी सरकार को रास नहीं आ रही। आज सत्ता के अन्याय का अंधकार हरसंभव कोशिश कर रहा है कि वो कांग्रेस के दिए की रोशनी को प्रभावित कर अपने अंधकार का साम्राज्य फैला ले। हम न डरेंगे, न झुकेंगे।