तटरक्षक बल को मिला एमके-3 हेलीकॉप्टर, जानिए क्या हैं इसकी विशेषताएं

Webdunia
गुरुवार, 1 दिसंबर 2022 (19:50 IST)
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने चेन्नई में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-3 के स्क्वाड्रन को सेवा में शामिल किया है, जिससे सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के सुदूर अपतटीय क्षेत्र में बल की क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। यह हेलीकॉप्टर कई खूबियों से युक्त है। 
 
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 840 स्कवॉड्रन (सीजी) को शामिल किया जाना इस बात का संकेत है कि हेलीकॉप्टर निर्माण के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर है और यह प्रयास केंद्र सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना के अनुरूप है।
 
बयान में कहा गया कि तटरक्षक क्षेत्र पूर्वी, 840 स्क्वॉड्रन (सीजी) को और मजबूत करने के बड़े प्रयास के तहत उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-3 स्कवॉड्रन को महानिदेशक वीएस पठानिया ने 30 नवंबर, 2022 को आईसीजी वायु स्टेशन, चेन्नई में सेवा में शामिल किया।
 
इसमें कहा गया कि इस स्क्वाड्रन को सेवा शामिल करने से सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के सुदूर अपतटीय क्षेत्र में बल की क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
 
बयान के अनुसार, एएलएच एमके-3 हेलीकॉप्टरों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने निर्मित किया है, जो पूरी तरह स्वदेशी हैं। इनमें उन्नत रडार के साथ इलेक्ट्रो ऑप्टिकल संवेदी यंत्र, शक्ति इंजन, पूरी तरह शीशे का बना कॉकपिट, तेज प्रकाश वाली सर्च लाइट, उन्नत संचार प्रणालियां, स्वचालित पहचान प्रणाली, तलाश व बचाव प्रणालियां लगी हैं।
 
मंत्रालय के अनुसार, इन उपकरणों और सुविधाओं की सहायता से हेलीकॉप्टर समुद्री टोही गतिविधियों के अलावा काफी दूर तक तलाशी व बचाव कार्य कर सकता है। हेलीकॉप्टर दिन और रात, दोनों समय पोतों से उड़ान भरकर इन गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम है। बयान में कहा गया कि हेलीकॉप्टर में भारी मशीनगन लगी हुई है और यह पलक झपकते आक्रामक मुद्रा में आ सकता है।
 
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इसमें एक गहन चिकित्सा सुविधा इकाई भी मौजूद है, ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। भारतीय तटरक्षक बल में चरणबद्ध तरीके से कुल 16 एएलएच एमके-3 हेलीकॉप्टरों को शामिल किया गया है। इनमें से चार हेलीकॉप्टरों को चेन्नई में तैनात किया गया है। शामिल होने के बाद से स्कवॉड्रन ने 430 घंटों से अधिक समय की उड़ान भरी है तथा अनेक संचालन अभियानों को पूरा किया है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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