जयपुर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के पुत्र एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत समेत 15 लोगों के खिलाफ ई-टॉयलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर छह करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप लगा है।
महाराष्ट्र के नासिक में इस मामले को लेकर 15 लोगों के खिलाफ इस्तगासे के जरिये प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला सामने आते ही बीजेपी सीएम गहलोत पर हमलावर हो गई है।
बीजेपी ने गहलोत से जबाब मांगा है। वैभव गहलोत पर आरोप है कि राजस्थान में ई-टॉयलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर यह धोखाधड़ी की गई है। राजस्थान में इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमा गई है।
इसकी जानकारी सामने आते ही बीजेपी ने तत्काल सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोल दिया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर सीएम पर हमला बोलते हुये उनसे स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी इस मामले में सीएम गहलोत को घेरते हुये ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री पुत्र वैभव गहलोत पर राजस्थान में ई- टायलेट टेंडर घोटाले में शामिल होने का आरोप गंभीर है। गहलोत साहब को सफाई में ध्यान रखना होगा कि मामला कोर्ट के कहने पर दर्ज हुआ है।
वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बारे में जवाब मांगा है। कटारिया ने सीधे सीएम पर हमला बोलते हुये कहा तंज कसा कि राजस्थान के गांधी राजस्थान व हिंदुस्तान को बताए कि उनके बेटे पर टेंडर दिलाने में ठगी का ये केस दर्ज हुआ है, ये क्या है?
दूसरी तरफ वैभव गहलोत ने सफाई दी कि आरोप गलत है। इससे उनका कोई संबंध नहीं है। उन्हें तो मामले की जानकारी ही अभी मिली है। वैभव गहलोत ने केस दर्ज होने को सियासत से जोड़ते हुये कहा कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जायेंगे वैसे-वैसे ऐसे आरोप लगेंगे।
वैभव गहलोत इससे पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिर चुके हैं और उन्हें ईडी की ओर से एक दफा नोटिस भी मिला था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल परिवादी नासिक निवासी सुशील पाटिल ने एक वीडियो जारी के बताया कि उसकी गुजरात निवासी परिचित कांग्रेस नेता सचिन वालेरा से कुछ समय पूर्व मुलाकात हुई थी। वालेरा ने उसे बताया कि उसके राजस्थान के मुख्यमंत्री से अच्छे ताल्लुकात हैं।
उसने परिवादी को एक वीडियो बताया जिसमें सीएम गहलोत उसके घर आए थे। परिवादी का कहना है कि वालेरा ने उसको विश्वास दिला दिया कि मुख्यमंत्री से उसके व्यक्तिगत और अच्छे संबंध हैं।
उसके बाद कोरोना काल मे पीपीई किट, सेनेटाइजर और कोरोना अवेयरनेस के एड के काम अपनी फर्म के जरिए करने का बताते हुए परिवादी से राजस्थान में सरकारी काम लेने के लिए करोड़ों निवेश रुपये करवाए थे लेकिन वापस नहीं दिए।
इसके बाद परिवादी ने कोर्ट में इस्तगासा दायर यह एफआईआर दर्ज करवाई है. इसमें 6 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है। इस एफआईआर में मुख्य आरोपी वालेरा के अलावा 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें वैभव गहलोत का नाम भी शामिल है।