हिसार (हरियाणा)। भारतीय वैज्ञानिकों ने क्लोन प्रौद्योगिकी के जरिए पहली बार असमिया नस्ल की भैंस के एक बछड़े का जन्म कराने में सफलता का दावा किया है। यहां केंद्रीय भैंस विषयक अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी) के वैज्ञानिकों के इस दल के प्रमुख पीएस यादव ने आज कहा, ‘हमने एक विशेष पद्धति का इस्तेमाल किया और 22 गत दिसंबर को असमिया भैंस का क्लोन पैदा कराने की यह कामयाबी हासिल की।
इसका नाम ‘सच गौरव’ रख गया। इसका प्रसव सामान्य रहा। यह क्लोन मुर्रा भैंसके गर्भ से निकला। यह पहला बछड़ा है, जो यहां उच्च प्रौद्योगिकी वाले ‘सच डेयरी फार्म’ की क्लोनिंग प्रयोगशाला से 100 किमी दूर एक खेत में पैदा हुआ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सीआईआरबी को भैंस की सभी नस्लों के उत्तमपशुओं के संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-सीआईआरबी के निदेशक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि असमिया भैंस देश के पूर्वोत्तर भागों में पाई जातीहै। इनका ज्यादातर इस्तेमाल खेती के काम में होता है। (भाषा)