जलवायु परिवर्तन से सालाना हो रहा 300 अरब डॉलर का नुकसान, CDRI रिपोर्ट से हुआ खुलासा

Webdunia
बुधवार, 4 अक्टूबर 2023 (17:48 IST)
Annual loss due to climate change : कोअलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) की द्विवार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक आपदा और जलवायु परिवर्तन की वजह से मौजूदा समय में मूल अवसंरचना क्षेत्र को दुनिया में हर साल औसतन क्षति (एएएल) 301 से 330 अरब अमेरिकी डॉलर की हो रही है।
 
रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य, शिक्षा अवंसरचना और इमारतों को अगर इस नुकसान में जोड़ दिया जाए तो यह क्षति 732 से 845 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाती है जो 2021-2022 वित्त वर्ष के वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का सातवां हिस्सा है। इसके मुताबिक इस नुकसान में भी करीब आधी क्षति निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के देशों में होती है।
 
रिपोर्ट में कहा गया, निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (एएमआईसी) को इस क्षति से बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वे पहले ही अवसंरचना की कमी का सामना कर रहे होते हैं जिसकी वजह से सामाजिक एवं आर्थिक विकास बाधित होता है। अवसंरचना प्रशासन में कमी की वजह से अवसंरचना की गुणवत्ता खराब होती है, ऐसे में आपदा की वजह से संपत्ति को नुकसान एवं क्षति, सेवाओं में अवरोध जलवायु परिवर्तन एवं प्रौद्योगिकी में बदलाव के कारण पैदा हुई चुनौतियों को और बढ़ा देते हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2019 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में सीडीआरआई की शुरुआत की थी। यह विभिन्न देशों, संगठनों और हितधारकों की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी है जो आपदा खासतौर पर जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाली आपदा से निपटने के लिए लचीली अवसंरचना को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि कुल वैश्विक एएएल का 30 प्रतिशत हिस्सा भूगर्भीय क्षति के रूप में सामने आ रहा है जबकि बाकी 70 प्रतिशत जलवायु नुकसान के रूप में है।
 
रिपोर्ट में कहा गया, दूसरे शब्दों में कहें तो जलवायु परिवर्तन से एएएल में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उच्च आय वाले देशों की अवसंरचना में एएएल का हिस्सा बढ़कर 11 प्रतिशत हो सकता है जबकि मध्य आय वाले देशों में यह 12 से 22 प्रतिशत एवं निम्न आय वाले देशों में एएएल 33 प्रतिशत हो सकता है। इस प्रकार, जलवायु परिवर्तन का वृहद असर उन देशों में अधिक होगा जहां पर पहले से ही अवसंरचना की कमी है, अवसंरचना प्रशासन कमजोर है, वित्तीय क्षमता कमजोर है और सीमित निजी निवेश है।
 
रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से जिन देशों को सबसे अधिक खतरा है उनमें से अधिकतर अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र और पश्चिम एशिया में अवस्थित हैं। सीडीआरआई की द्विवार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से जल विद्युत परियोजना को उल्लेखनीय क्षति होगी खासतौर पर उन देशों को जहां यह ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Related News

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख
More