संसद को दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन बिल के पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब बिल कानून के रुप में लागू हो गया है। नागरिकता को लेकर मोदी सरकार के इस नए कानून को लेकर जहां देश के पूर्वोत्तर राज्यों में संग्राम छिड़ा हुआ है वहीं अब विरोध की चिंगारी देश के अन्य राज्यों में भी पहुंच रही है। पश्चिम बंगाल, पंजाब के बाद अब केरल ने भी नए कानून को लागू करने से मना कर दिया है वहीं मध्य प्रदेश में भी नए कानून को लागू नहीं करने की मांग तेज हो गई है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नए नागरिकता कानून को लेकर लोग सड़क पर उतरने लगे है वहीं प्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के मंत्री और विधायक भी मुखर होकर सामने आए गए है। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री आरिफ अकील और भोपाल मध्य सीट से विधायक आरिफ मसूद ने खुलकर नए CAB कानून का विरोध कर दिया है।
राजधानी के तीन बत्ती चौराहे पर CAB कानून के विरोध में आंदोलन की अगुवाई करते हुए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से नए कानून को प्रदेश में नहीं लागू करने की अपील की। आरिफ मसूद ने कहा कि जिस तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAB कानून को लागू करने से इंकार कर दिया है वैसा ही साहस प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिखाए और प्रदेश में नए कानून को लागू करने से रोके। इतना ही नहीं कांग्रेस विधायक ने धमकी दी है कि अगर प्रदेश में CAB कानून लागू हुआ तो वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने लोगों से कहा कि जिस तरह गांधीजी ने देश की आजादी के लिए आंदोलन चलाया था वैसा ही वह CAB के विरोध में आंदोलन चलाए।
इसके पहले कमलनाथ सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने नए कानून का विरोध करते हुए कहा कि हमारा (मुसलमान) कोई बाल बांका नहीं कर सकता। हम यहां थे,यहां हैं और मरेंगे भी तो यहीं दफन होंगे।