नई दिल्ली। इस साल क्रिसमस के त्योहार पर कोविड-19 महामारी की साया रहा और सख्त दिशा-निर्देशों के बीच देशभर में साधारण तरीके से यह पर्व मनाया गया। गोवा के चर्चों में प्रभु यीशु की प्रार्थना के दौरान घंटियां बजाई गईं और कैरोल गाए गए। राज्य में सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देशों पर अमल के साथ पारंपरिक रूप से क्रिसमस के कार्यक्रम शुरू हुए।
पणजी में एक पादरी ने कहा कि लोग बड़ी संख्या में मध्यरात्रि में सामूहिक प्रार्थना में भाग लेने के लिए बाहर आए। हालांकि केवल दो सौ लोगों को ही हर चर्च में जाने की अनुमति थी और श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी का ध्यान रखना था, मास्क लगाना था और हाथों को सेनिटाइज करना था। कुछ जगहों पर विशेष रूप से चर्च के बाहर पंडाल लगाए गए थे ताकि जो लोग भीतर नहीं जा सके वह बाहर से प्रार्थना में भाग ले सकें।
मिजोरम में राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के नियमों के चलते सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध होने के चलते परंपरागत रूप से क्रिसमस नहीं मनाया गया। विभिन्न डिनोमिनेशन के चर्चों ने ऑनलाइन और केबल टीवी के माध्यम से लोगों को क्रिसमस का संदेश दिया।
इस साल सामुदायिक भोज की अनुमति न होने के कारण कुछ चर्चों ने जरूरतमंदों को पैसे और वस्तुएं दान की। यंग मिजो एसोसिएशन के एक नेता ने कहा कि कई समूहों, एनजीओ और व्यक्तियों ने क्रिसमस पर गरीबों को दान दिया। तमिलनाडु के चर्चों में लोग नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रार्थना सभा में शामिल हुए।
ईसाई समुदाय के श्रद्धालुओं को चर्चों में प्रवेश करने से पहले टोकन दिए गए क्योंकि सीमित संख्या में आगंतुकों के प्रवेश को अनुमति दी गई थी। नगालैंड में हर्षोल्लास के साथ क्रिसमस मनाया गया और कोविड-19 महामारी को देखते हुए कई चर्चों ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन माध्यम से प्रार्थना सभा में शामिल होने की व्यवस्था की।
ईसा मसीह के जन्म के स्वागत में गुरुवार को मध्यरात्रि सेवाओं में कम लोगों की उपस्थिति देखी गई। राजधानी कोहिमा में जहां कुछ चर्चों ने परिसर के भीतर सामूहिक प्रार्थना के मुख्य आयोजन को रद्द कर दिया और क्रिसमस पर ऑनलाइन माध्यम से लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की, वहीं कुछ चर्चों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें चरणबद्ध तरीके से सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को शमिल होने का अवसर दिया गया।
केरल में ईसाई समुदाय ने शुक्रवार को पारंपरिक उल्लास के साथ क्रिसमस मनाया और इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन किया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोगों को विशेष प्रार्थना सभाओं में भाग लेने के लिए गिरजाघरों में प्रवेश से पहले मास्क पहने हुए और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए देखा गया। गिरजाघरों और कैथेड्रल में सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया गया।
आधी रात को गिरजाघरों में घंटियां बजने के साथ लोग प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए, वहीं वरिष्ठ पादरियों ने क्रिसमस के संदेश दिए। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लोग शुक्रवार को क्रिसमस मनाने के लिए पार्क स्ट्रीट क्षेत्र में एकत्र हुए। इस दौरान लोग कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करते देखे गए।
हालांकि सामान्य दिनों के मुकाबले सुबह से ही त्योहार के जश्न में कमी देखी गई। कोविड-19 के चलते दिन में अलीपुर चिड़ियाघर, विक्टोरिया स्मारक और कई लोकप्रिय पार्कों में भीड़ नदारद रही। इस दौरान शहर में कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस तैनात रही।