शिलांग। सीबीआई ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष से सारदा चिटफंड और रोज़ वैली घोटालों के संबंध में यहां अपने दफ्तर में आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
कुमार से दूसरे दिन यानी रविवार को सुबह साढ़े 10 बजे पूछताछ शुरू हुई जो देर शाम तक चली। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक कुमार से यह पूछताछ की गई। सीबीआई की दो सदस्यीय टीम दोपहर में यहां पहुंची। इस टीम में सारदा और रोज वैली घोटालों के जांच अधिकारी शामिल थे।
अधिकारियों ने बताया कि कुमार और घोष से शुरुआत में सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने पूछताछ की थी। उन्होंने बताया कि सीबीआई के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने कोलकाता पुलिस प्रमुख से मामले में महत्त्वपूर्ण साक्ष्यों से छेड़छाड़ में उनकी कथित भूमिका को लेकर शनिवार को करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से सारदा घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कुमार ने किया था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पूछताछ की वीडियोग्राफी से संबंधित कुमार की मांग स्वीकार नहीं की।
उन्होंने बताया कि ऐसा हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान किया जाता है।कुमार के वकीलों के हवाले से ऐसी खबरें आईं थी कि पुलिस आयुक्त के अनुरोध पर सीबीआई उनसे की जा रही पूछताछ की वीडियोग्राफी कर रही है। घोष यहां सुबह 10 बजे के बाद आए थे और उन्होंने सीबीआई दफ्तर से महज 100 मीटर दूर एक पंडाल में मां सरस्वती का आशीर्वाद लिया और फिर ऑकलैंड स्थित जांच एजेंसी के उच्च सुरक्षा वाले कार्यालय में प्रवेश किया।
जांच से अवगत एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, दोनों से पूछताछ की गई और दोपहर बाद दोनों को आमने-सामने बिठाया गया। शुरुआती दौर में दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद को सारदा पोंजी घोटाले में 2013 में गिरफ्तार किया गया था और 2016 से वे जमानत पर बाहर हैं।
सीबीआई कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने कहा, मुझे कुछ नहीं कहना है। मुझसे इस कार्यालय में एक सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। मैं जांच एजेंसी के साथ हमेशा से सहयोग करता रहा हूं, इसलिए मैं इसमें शामिल होने आया हूं।
घोष ने भाजपा नेता मुकुल रॉय और 12 अन्य को सारदा चिटफंड घोटाले में संलिप्त बताया था। रॉय कभी बनर्जी का दाहिना हाथ हुआ करते थे। उच्चतम न्यायालय ने कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने और मामलों की जांच में ईमानदारी से सहयोग करने का मंगलवार को निर्देश दिया था।