नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हाल ही में बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के खतरों से बचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों को एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में गेम डाउनलोड के समय व्यक्तिगत जानकारी न देने और वेबकैम, निजी संदेश या ऑनलाइन चैट के माध्यम से किसी भी अजनबी से संवाद न करने की सलाह दी गई है। इसी के साथ बच्चों को ऑनलाइन मंच पर पहचान छुपाने के लिए बदला नाम का उपयोग नहीं करने का भी परामर्श दिया गया है।
बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से खतरा है। गेमिंग कंपनियां भावनात्मक रूप से बच्चे को ऐप खरीदने के लिए मजबूर करती हैं। अभिभावकों को जानकारी ही नहीं होती है और उनका बच्चा साइबर बुलिंग में फंस जाता है। इसीलिए इस एडवाइजरी के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के खतरों से बचाने के लिए परामर्श दिए गए हैं। संबंधित स्कूल शिक्षकों के माध्यम से अभिभावकों और बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के खतरों से बचाव के लिए जागरूक कर सकते हैं।
बीते शुक्रवार की शाम को शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों, प्रदेश शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड को यह सेफ ऑनलाइन गेमिंग नाम से एडवाइजरी जारी की है। प्रौद्योगिकी के नए युग में ऑनलाइन खेल बच्चों के साथ बहुत लोकप्रिय हैं। आजकल ऑनलाइन खेल एक ऐसी लत बन चुका है जिसे छुड़ाना आसान नहीं है। बच्चे किसी भी समय कहीं भी यह खेल कम्प्यूटर, मोबाइल या टेबलेट में आसानी से खेल सकते हैं। वहीं ऑनलाइन गेमिंग के कई नुकसान हैं।