Maharashtra Politics : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 9 विधायकों के सरकार में शामिल होने के बाद बदले समीकरण और उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के मामले में अयोग्यता का सामना कर रहे अपने शिवसेना सहयोगियों के बीच भय व चिंता को कम करने के लिए सोमवार को उनके साथ बैठक की।
खास बात यह है कि पिछले साल जून में शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत सरकार गिरने के कारणों में से एक वजह यह भी बताई गई थी कि राकांपा का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में दबदबा बढ़ रहा है।
शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के एक नेता ने कहा, हमने अपने रोष और चिंताओं से मुख्यमंत्री शिंदे को अवगत करा दिया है क्योंकि राकांपा सरकार में शामिल हो गई है। इसके नेताओं की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें ज्यादातर बड़े विभाग मिलेंगे, जो हमारे लिए चिंता का विषय है क्योंकि वे नेता अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का पक्ष लेंगे और धन का उपयोग उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए करेंगे।
उन्होंने कहा, यही कारण है कि हमने शिंदे के साथ जाने और एक साल पहले अपने नेता उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने का फैसला किया था। यदि इस बार भी ऐसा ही व्यवहार हुआ तो हममें से कुछ लोगों को दोबारा चुनाव जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि तब बगावत करने वाले शिवसेना विधायकों ने दावा किया था कि शिवसेना के विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए धन नहीं मिल रहा है और अधिकांश आवंटन राकांपा विधायकों को किया गया क्योंकि एमवीए सरकार में वित्त विभाग अजित पवार के अधीन था।
ठाणे में सोमवार को गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शिंदे ने अपने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और इस दौरान हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई। ठाणे में मुख्यमंत्री ने अपने गुरु आनंद दिघे और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)