चंद्रयान-2 मिशन के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संपर्क भले ही अभी लैंडर विक्रम के साथ टूट गया, लेकिन पूरा देश इसरो के साथ खड़ा है और उनका हौसला बढ़ा रहा है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस महत्वाकांक्षी मिशन में भी सियासत नजर आ रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश की बदहाल अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार चंद्रयान-2 का इस्तेमाल कर रही है।
चंद्रयान-2 मिशन के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संपर्क लैंडर विक्रम के साथ अभी टूट गया है, जिससे 'सॉफ्ट लैंडिंग' के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पा रही है। लेकिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के व़ैज्ञानिक महत्वाकांक्षी मिशन को सफल बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक भाषण में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार चंद्रयान मिशन का प्रचार कुछ ऐसे कर रही है, जैसे कि इससे पहले भारत ने किसी अंतरिक्ष मिशन का संचालन न किया हो। उन्होंने कहा कि देश में उपजे आर्थिक संकट को छिपाने के लिए सरकार चंद्रयान-2 के अभियान का इस्तेमाल कर रही है।
शुक्रवार देर रात लैंडर विक्रम चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर आकर अपने रास्ते से भटक गया। देर रात लगभग 1 बजकर 38 मिनट पर लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन सतह पर पहुंचने से करीब 2.1 किलोमीटर पहले ही उसका इसरो (ISRO) से संपर्क टूट गया। लेकिन अब भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं।