कोलकाता। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख चन्द्रबाबू नायडू और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि भाजपा का विरोध कर रहीं सभी पार्टियां राष्ट्र को बचाने के प्रयासों में एकजुट हैं। साथ ही भगवा पार्टी से लोहा लेने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र से पहले एक रणनीति का खाका तैयार किया जाएगा।
नायडू ने यहां ममता से मुलाकात की और 22 नवंबर को दिल्ली में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने ममता के साथ घंटेभर चली बैठक के बाद कहा कि कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के चलते यह बैठक स्थगित की गई है तथा गैरभाजपा पार्टियों की बैठक के लिए एक नई तारीख की घोषणा शीघ्र की जाएगी।
नायडू ने केंद्र की राजग सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग, आरबीआई और कैग जैसी संस्थाएं काफी दबाव में हैं। नायडू के बगल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख भी मौजूद थीं। हालांकि दोनों नेता इस विषय को टाल गए कि भाजपा विरोधी मोर्चे का चेहरा कौन होगा? नायडू ने कहा कि नरेन्द्र मोदीजी की तुलना में हम सभी वरिष्ठ हैं। हर किसी के पास पर्याप्त अनुभव है जबकि ममता ने कहा कि सभी लोग गठबंधन का चेहरा हैं।
नायडू ने कहा कि राष्ट्र को बचाना हमारी जिम्मेदारी है, लोकतंत्र बचाइए, संस्थाओं को बचाइए। लोकतंत्र खतरे में है तथा हम पहले 22 नवंबर को बैठक करना चाहते थे (लेकिन) चुनावों के चलते हम संसद (शीतकालीन सत्र) से पहले यह करना चाहते हैं। संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक है।
उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा का विरोध कर रहे हैं, वे इसमें (बैठक में) शामिल हो सकते हैं और चर्चा कर सकते हैं। हम राष्ट्र को बचाने के लिए इस एजेंडे पर आगे बढ़ने के वास्ते एक कार्यक्रम का खाका तैयार करेंगे। तेदेपा प्रमुख ने कहा कि ममता द्वारा 19 जनवरी को कोलकाता में बुलाई गई जनसभा में वे शामिल होंगे, जहां विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बसपा प्रमुख का जिक्र करते हुए कहा कि हम मायावतीजी के संपर्क में हैं। जो लोग भाजपा का विरोध कर रहे हैं, जो लोग राष्ट्र की हिफाजत करना चाहते हैं, हम साथ मिलकर काम करेंगे। ममता ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब हमने देशहित के बारे में चर्चा की है। जब अरविंद केजरीवाल के साथ एक समस्या थी, हम गए थे और अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में विस्तार से चर्चा की थी। हम पूरी तरह से एकजुट हैं, हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम सब राष्ट्र को बचाने के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ हैं।
गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने-अपने राज्यों में मामलों की जांच करने और छापे मारने के लिए सीबीआई को दी गई मंजूरी शुक्रवार को वापस ले ली।