चंडीगढ़, वायरल वीडियो मामले में कोर्ट ने आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा है। हालांकि पुलिस ने 10 दिन का रिमांड मांगा था। पुलिस ने कहा है कि इनके फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे जाएंगे। जिन लोगों ने भी वीडियो वायरल किए उनका पता किया जाएगा। ये सही है उनकी तरफ से वीडियो वायरल किए गए है।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के निर्देश पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी गुरप्रीत कौर देव की देखरेख में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला एसआईटी का गठन किया गया है।
डीजीपी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। एसआईटी साजिश की तह तक जाएगी। संलिप्त पाए जाने पर किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि असत्यापित अफवाहों में न पड़ें, आइए समाज में शांति के लिए मिलकर काम करें. एक आरोपी छात्र व दो अन्य गिरफ्तार उत्कृष्ट सहयोग के लिए डीजीपी हिमाचल प्रदेश को धन्यवाद दिया।
बता दें कि पंजाब के मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में शनिवार आधी रात को उस वक्त बखेड़ा होने लगा था, जब एक छात्रा ने यहां पढ़ने वाली 60 छात्राओं का नहाते वक्त वीडियो बना लिया और बाद में उसे वायरल कर दिया था। इस बेहद ही गंभीर मामले में आरोपी छात्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। वीडियो के वायरल होने के बाद 8 छात्राओं द्वारा जान देने की कोशिश करने की बात सामने आई थी, जिसका पुलिस ने खंडन किया है। वहीं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की ओर से भी आधिकारिक बयान सामने आया है। जिसमें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. आरएस बावा ने कहा है कि ऐसी अफवाहें हैं कि 7 लड़कियों ने आत्महत्या कर ली है जबकि सच्चाई यह है कि किसी भी लड़की ने ऐसा कदम उठाने की कोशिश नहीं की है।