मुंबई, बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत मिल गई है। आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन के कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में कोचर को जमानत दी गई है।
बता दें कि साल 2012 में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। इसमें चंदा के पति दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं लोन दिए जाने के बाद ये नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हो गया और बाद में इसे बैंक फ्रॉड घोषित किया गया।
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने के साथ ही एक बड़ी बात कही है। न्यायलय ने कहा कि यह गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है। बता दें कि बैंक से जुड़ा यह मामला सामने आने के बाद लगातार चंदा कोचर को लेकर जांच चल रही है।
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को दिसंबर 2022 को CBI ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने यह गिरफ्तारी वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी केस में की थी। उन पर आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह को लगभग 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने में कथित तौर पर अनियमितता की थी। बता दें कि जब यह फ्रॉड सामने आया था उस वक्त चंदा कोचर बैंक की सीईओ थीं।
सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दोनों सवाल के सही तरह से जवाब नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें अदालत ने इस आधार पर जमानत दी है कि गिरफ्तारी अवैध थी। धारा 41ए के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में सीबीआई के सामने चंदा और दीपक पेश हुए थे। इसके तहत अगर कोई शख्स पेश होता है तो उसे तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जब तक ये नहीं पाया जाए कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।
edited by navin rangiyal